जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनना चाहिए: मौका देख पंजाब में केजरीवाल ने फेंका सॉफ्ट हिंदुत्व का पत्ता, दिल्ली में कानून बनाने पर चुप

अरविंद केजरीवाल ने जबरन धर्मांतरण कानून की वकालत की (फोटो साभार: अमृत विचार/ झूठा-सच)

मौका देखकर रंग बदलने में माहिर आम आदमी पार्टी (Aam Adami Pary) के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब धर्मांतरण पर बात कर रहे हैं। पंजाब में जारी विधानसभा चुनावों (Punjab Assembly Election 2022) में मतदाताओं लुभाने के लिए केजरीवाल जालंधर में हैं। यहाँ उन्होंने कहा कि प्रलोभन देकर या जबरन कराए जा रहे धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनना चाहिए।

जालंधर में उद्योगपतियों और व्यापारी समाज के लोगों के साथ बैठक में केजरीवाल ने कहा कि धर्म एक निजी मामला है और देश में हर किसी को अपनी आस्था के अनुसार धर्म या भगवान मानने का अधिकार प्राप्त है। इसमें जबरदस्ती नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जबरन अथवा प्रलोभन देकर करवाए जा रहे धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनना चाहिए, लेकिन इसका गलत उपयोग नहीं होना चाहिए।

बता देें कि दिल्ली में भी समय-समय पर जबरन धर्मांतरण की घटनाएँ आती रही हैं। इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने केजरीवाल से दिल्ली में धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की माँग लगातार करती रही है। हालाँकि, केजरीवाल ने दिल्ली में इस कानून को लागू करने के बारे में कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन पंजाब में विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्होंने धर्मांतरण विरोधी कानून की आवश्यकता बता दी।

वीएसपी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करने के बाद कई लोग दिल्ली को सुरक्षित जगह मानकर इसका इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए करने लगे हैं। संगठन का कहना है कि दिल्ली में धर्मांतरण और लव जिहाद के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया