नमाज पढ़ने जा रहे अमरोहा से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी दानिश अली को मुस्लिमों की भीड़ ने घेरा, कार में तोड़फोड़ की कोशिश की: माँगा 5 साल के कामों का हिसाब

कॉन्ग्रेस उम्मीदवार दानिश अली के खिलाफ मुस्लिमों का हंगामा (साभार: अमर उजाला)

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में शुक्रवार (5 अप्रैल 2024) को कॉन्ग्रेस के मुस्लिम सांसद उम्मीदवार दानिश अली के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। दानिश अली जब शाम को नमाज पढ़ने के लिए जा रहे थे, तब मुस्लिमों की भीड़ ने उनके काफिले को घेर लिया और उनकी कार में तोड़फोड़ करने का प्रयास किया। इस दौरान भीड़ ने दानिश अली के खिलाफ नारे लगाए और जमकर हंगामा किया।

दरअसल, दानिश अली पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से सांसद थे, लेकिन हाल ही में उन्हें उत्तर प्रदेश की अमरोहा लोकसभा सीट से कॉन्ग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए टिकट दिया है। कॉन्ग्रेस का टिकट मिलने पर स्थानीय मुस्लिम भड़क उठे और उनके खिलाफ जमकर हंगामा किया। आरोप है कि जा रहा है कि प्रदर्शन करने वाले समाजवादी पार्टी से जुड़े थे।

दानिश अली अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार को अमरोहा के जामा मस्जिद का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने स्थानीय लोगों से वोट माँगने के लिए नौगाँव सादात में प्रचार अभियान भी चलाया। नौगाँव सादात के नई बस्ती में स्थित जामा मस्जिद में नमाज के लिए जाने के दौरान उनकी कार को स्थानीय मुस्लिमों की एक बड़ी भीड़ ने घेर लिया।

भीड़ में खुद को घिरा हुआ पाकर दानिश अली कार में बैठे रहे। हंगामे के बीच एक युवक ने कार के बोनट पर चढ़ने का प्रयास किया। गुस्साई भीड़ ने दानिश अली से पिछले पाँच वर्षों में उनके प्रदर्शन खासकर नौगाँव सादात में उनके द्वारा किए गए कामों लेकर जवाब माँगा। हालाँकि, इस दौरान कई लोगों को गुस्साई भीड़ को शांत करने की कोशिश करते भी देखा गया।

नौगाँव सादात विधानसभा सीट से विधायक समरपाल सिंह के बेटे प्रतीक ने नाराज लोगों को समझाने की पूरी कोशिश की। इकट्ठी भीड़ के तितर-बितर होने के बाद ही दानिश अली की कार आगे बढ़ पाई। भीड़ में मौजूद लोगों ने पूरी घटना को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। बाद में शाम को सांसद की कार के घेराव वाले दो वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए।

बता दें कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने अमरोहा लोकसभा क्षेत्र से दानिश अली को अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले दानिश अली ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों में बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। हालाँकि, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में उन्हें बसपा से निलंबित कर दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया