कॉन्ग्रेस नहीं दे रही चुनाव लड़ने के लिए फंड: ओडिशा के पुरी कैंडिडेट ने टिकट ही लौटा दिया, UP के बुलंदशहर में ₹35 लाख की बंदरबाँट

राहुल गाँधी और सुचरिता मोहंती (साभार: X/SucharitaPuri)

लोकसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया जारी है। इसके सात चरणों में से दो चरण का मतदान संपन्न हो चुका है, जबकि तीसरे चरण का मतदान 7 मई को निर्धारित है। इस बीच कॉन्ग्रेस की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं। ओडिशा के पुरी लोकसभा सीट से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती ने अपना टिकट लौटा दिया है। मोहंती का कहना है कि पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए फंड नहीं दिया।

मोहंती ने कहा, “मैंने टिकट वापस कर दिया है, क्योंकि पार्टी मुझे फंड देने में सक्षम नहीं थी। दूसरा कारण यह है कि 7 विधानसभा क्षेत्रों की कुछ सीटों पर जीतने योग्य उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया गया है। इसके बजाय, कुछ कमजोर उम्मीदवारों को टिकट मिला है। मैं इस तरह से चुनाव नहीं लड़ सकती।” उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने जब वरीय नेताओं से बात की तो उन्हें अपने संसाधनों का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया।

सुचरिता मोहंती ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने कॉन्ग्रेस के खातों पर बैन लगा रखा है, इसलिए उन्हें फंड नहीं मिल रहा। उन्होंने पार्टी फंड नहीं दे सकती। मोहंती ने कहा, “भाजपा और बीजद (बीजू जनता दल-BJD) पैसे के पहाड़ पर बैठे हैं। यह मेरे लिए मुश्किल था। हर जगह धन का अश्लील प्रदर्शन हो रहा है। मैं ऐसी प्रतिस्पर्धा नहीं चाहती।”

दरअसल, सुचारिता मोहंती ने फंड की कमी के बारे में कॉन्ग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से भी बात की थी। पार्टी की स्थिति को देखते हुए उन्होंने चंदा भी माँगी। इसके लिए उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक कैंपेन भी शुरू किया। हालाँकि, इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली और आखिरकार अपना टिकट वापस कर दिया। पुरी से भाजपा की ओर से संबित पात्रा प्रत्याशी हैं।

बता दें कि कॉन्ग्रेस में सामने आया यह अकेला मामला नहीं है। इससे पहले इंदौर में कॉन्ग्रेस प्रत्याशी ने पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वॉइन कर लिया। उधर, यूपी के बुलंदशहर में चुनावी फंड के घालमेल करने का मामला सामने आ चुका है। कॉन्ग्रेस के बुलंदशहर के जिला अध्यक्ष राकेश भाटी का एक कथित पत्र वायरल हो रहा है।

इस पत्र में कहा गया है कि पार्टी द्वारा वाहनों, प्रचार सामग्री, पंपलेट, स्टीकर, हैंडबिल, फ्लैक्स एवं समस्त चुनाव कार्यालय के संचालन के लिए दिए गए थे। इसमें प्रत्याशी की सहमति से कुछ पैसे खर्च किए गए और चुनावी अभियान को आगे बढ़ाया गया।

इसी बीच 14 अप्रैल को कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष विदित चौधरी अपने साथ पार्टी प्रत्याशी शिवराम बाल्मिकी को लेकर आए और पार्टी के महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से फोन पर बात कराई। इसके बाद वे लोग बाकी बचे फंड को यह कहकर अपने साथ ले गए कि फंड प्रत्याशी के लिए आया है और वह अपने हिसाब से खर्च करेंगे।  

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के मीडिया प्रभारी शशिभूषण शर्मा समेत एक अन्य कार्यकर्ता ने बताया कि 70 से 75 लाख रुपए चुनावी फंड मिला था। इसमें 35 लाख रुपए की बंदरबाँट कर ली गई है। हालाँकि, वायरल हुए इस पत्र को लेकर राकेश भाटी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया