एक नवंबर को मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस है। इस मौके पर राज्य के होशंगाबाद में कुछ कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इसी बीच कॉन्ग्रेस ने उन निमंत्रण पत्रों को वापस ले लिया है जिन पर दीन दयाल उपाध्याय की तस्वीर छपी है। कॉन्ग्रेस ने उनकी तस्वीर छापे जाने का विरोध किया है। पहले से वितरित पत्रों के स्थान पर नए पत्र बाँटे गए।
दरअसल, होशंगाबाद में होने वाले राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम के लिए छपे निमंत्रण कार्ड में दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर छप गई। जिसका कॉन्ग्रेस ने विरोध किया और इस विरोध के बाद नया निमंत्रण कार्ड छपवाया गया।
मध्य प्रदेश स्थापना दिवस समारोह के लिए छपवाए गए ये कार्ड अतिथियों में बाँट दिए थे पर कॉन्ग्रेस के विरोध के बाद इन्हें वापस लिया गया और नए कार्ड बाँटे गए। नए कार्ड में कार्यक्रम की जानकारी और बाकी चीजें भी वही है, सिर्फ पंडित दीन दयाल उपाध्याय की तस्वीर को हटा दिया गया है।
हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेसियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठनकर्ता और भारतीय जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष पंडित दीन दयाल के प्रति नापसंदगी प्रदर्शित किया है। इससे पहले पिछले साल राजस्थान में कॉन्ग्रेस की सरकार के सत्ता में आने पर अशोक गहलोत ने राज्य के स्कॉलरशिप टेस्ट में से भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय का नाम हटा दिया था।
इसी तरह छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की कॉन्ग्रेस सरकार ने राज्य की सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में से दीन दयाल उपाध्याय का नाम हटाकर उनकी जगह राजीव गाँधी और इंदिरा गाँधी का नाम दे दिया।