‘RSS वाले शादी नहीं करते, यही हनीट्रैप का कारण’ – कॉन्ग्रेस नेता का बयान, लोगों ने पूछा – राहुल ने क्यों नहीं किया?

मध्यप्रदेश के हनी ट्रैप कांड के लिए कॉन्ग्रेस नेता ने ठहराया RSS को जिम्मेदार

मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप सेक्स स्कैंडल का भंडाफोड़ होने के बाद कॉन्ग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने इस पूरे कांड के लिए आरएसएस के लोगों को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने इस इल्जाम के पीछे बड़ा ही अजीब तर्क दिया है। उनका कहना है कि RSS के लोगों का शादी नहीं करना, इसका पूरे स्कैंडल का मुख्य कारण है।

उन्होंने कहा, “RSS के लोग शादी नहीं करते, यह हनीट्रैप का मुख्य कारण है। संघ के लोगों को शादी करनी चाहिए। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन भागवत को भी शादी करनी चाहिए।”

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने आगे कहा, “मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप का ये गैंग शिवराज सिंह चौहान के वक्त से चल रहा है। इस केस में कई भाजपा नेताओं के नाम सामने आएँगे। इस केस में कई भाजपा नेता शामिल हैं। ये गिरोह देश में 5 से 6 राज्यों में काम करता है।”

अब इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स उन्हें काफी ट्रोल कर रहे हैं। उनके इस बयान को घटिया करार देते हुए यूजर्स सवाल कर रहे हैं कि यदि संघ के लोगों को शादी करनी चाहिए तो फिर कॉन्ग्रेस के राहुल गाँधी कौन सी दुल्हनिया का इंतजार कर रहे हैं? ट्विटर पर लोग पूरे गाँधी परिवार को लेकर सवाल उठा रहे हैं और इस बयान की आलोचना कर रहे हैं।

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इस बयान के बाद लोग मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की वायरल हुई तस्वीरों का मुद्दा भी उछालते नजर आए।

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लोगों ने अग्रवाल के बयान पर कहा कि ऐसा लगता है भाजपा वालों ने कॉन्ग्रेस को खत्म करने की सुपारी कॉन्ग्रेसियों को ही दे रखी है।

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गौरतलब है कि 19 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर इस पूरे गिरोह का आधिकारिक रूप से खुलासा हुआ था। जिसमें फिलहाल 6 आरोपित गिरफ्तार हैं, जिनमें महिलाएँ भी शामिल हैं।

इस कांड को देश का सबसे बड़ा ब्लैकमेलिंग सेक्स स्कैंडल कहा जा रहा है। इस मामले में जाँच में जुटी एसआईटी की टीम अब तक 4 हजार से ज्यादा फाइलें जुटा चुकी हैं और बाकी के मिलने का सिलसिला जारी है। बताया जा रहा है गिरोह के शिकंजे में कई शीर्ष नेता, आईएस अधिकारी, इंजिनियर और बड़े व्यापारी फँस चुके हैं। इसके अलावा इस सेक्स रैकेट में कई मीडियाकर्मियों के नाम भी सामने आ रहे हैं। लेकिन बता दें कि अन्य लोगों की तरह मीडियाकर्मी हनी ट्रैप रैकेट के शिकार नहीं थे, बल्कि दलाल थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया