‘महात्मा गाँधी पर टिप्पणी करने के लायक नहीं, वह नचनिया है’: अब महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस नेता ने कंगना को कहे अपशब्द

कॉन्ग्रेस नेता ने कंगना को कहा नचनिया

अभिनेत्री कंगना रनौत के ‘भीख में आजादी’ वाले बयान पर मचे बवाल के बीच महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के मंत्री विजय वडेट्टीवार ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कंगना रनौत को ‘नचनिया’ कहा। उन्होंने बुधवार (17 नवंबर 2021) को कहा, “वह महात्मा गाँधी पर टिप्पणी करने के लायक नहीं है। वह एक ‘नचनिया’ है, जिसे विवादास्पद लोगों में से एक माना जाता है। महात्मा गाँधी पर उनकी टिप्पणी सूरज पर थूकने के समान है। अगर आप सूरज पर थूकते हैं, तो थूक आप पर पड़ता है।”

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, “कोई नाचनेवाली महात्मा जी के ऊपर अगर बात करती है तो उसका उत्तर देना मैं ठीक नहीं समझता। कहाँ महात्मा गाँधी, कहाँ कंगना। 10 में से 9 लोग उनके बारे में बुरी बातें करते हैं। मुझे नहीं लगता कि वह बात करने के लायक है।” 

हाल ही में कंगना ने एक पुरानी खबर शेयर किया, जिसमें लिखा था कि किस तरह महात्मा गाँधी इस बात को लेकर राज़ी हो गए थे कि अगर सुभाष चंद्र बोस मिलते हैं तो उन्हें अंग्रेजों को सौंप दिया जाएगा। कंगना रनौत ने लिखा, “जिन्होंने सच में आज़ादी की लड़ाई लड़ी, उन्हें उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया, जिनके खून में वो साहस, गर्मी और आग नहीं ही कि वो स्वतंत्रता के लिए लड़ सकें।”

अभिनेत्री ने लिखा कि भारतीयों पर अत्याचार करने वालों के विरुद्ध लड़ने का साहस न रखने वाले कुछ नेता सत्ता के भूखे थे, धूर्त थे। उन्होंने लिखा कि ऐसे ही लोगों ने हमें सिखाया कि अगर कोई तुम्हारे एक गाल पर तमाचा मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो, ऐसे ही आज़ादी मिलेगी। कंगना रनौत ने लिखा कि आज़ादी ऐसे नहीं मिलती है, बल्कि इस तरह से सिर्फ भीख ही मिल सकती है। साथ ही उन्होंने लोगों को अपने नायकों को अच्छे से चुनने की सलाह दी।

कंगना रनौत ने दावा किया कि महात्मा गाँधी ने कभी भी भगत सिंह या नेताजी सुभाष चंद्र बोस का समर्थन नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि ऐसे सबूत मौजूद हैं, जो बताते हैं कि महात्मा गाँधी चाहते थे कि भगत सिंह को फाँसी पर चढ़ाया जाए। उन्होंने लोगों से कहा कि आपको चुनने की ज़रूरत है कि आप किसे अपना नायक मानते हैं, किसका समर्थन करते हैं। कंगना रनौत ने लिखा कि इन सभी को अपनी याद में एक साथ रखना और हर साल उनकी जयंती पर याद करना पर्याप्त नहीं है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया