महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच सरकार गठन को लेकर जद्दोजहद जारी है। कयासों के अलावा सहमति जैसा फिलहाल राज्य की राजनीति में दिख नहीं रहा। कल रात तक भाजपा का साथ छोड़ शिव सेना की कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ डील पक्की हो गई थी। सत्ता के समझौते के कथित मसौदे के मुताबिक शिव सेना को मुख्यमंत्री की कुर्सी और 16 मंत्री पद मिलने थे, वहीं एनसीपी को 14 और कॉन्ग्रेस के 12 विधायकों को मंत्री बनना था। लेकिन जैसा गडकरी ने कहा था कि राजनीति और क्रिकेट में कुछ असंभव नहीं, वैसा ही आज सुबह से दिख रहा है।
डील पक्की होने के बावजूद अभी तक सरकार के गठन का रास्ता साफ नहीं दिख रहा। वो इसलिए क्योंकि शिवसेना-कॉन्ग्रेस और एनसीपी के बीच अभी भी पशोपेश जारी है। एक तरफ जहाँ बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि (17 नवंबर) को सरकार बनाने की बात सामने आ रही है वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि सरकार बनने में अभी वक्त लगेगा। इससे साफ झलक रहा है कि अभी भी इनके बीच विचारों की सहमति नहीं बन पाई है।
इस बीच बीजेपी ने एक बार फिर सरकार बनाने की अपनी घोषणा करते हुए कहा कि बीजेपी के बिना महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं हो सकती। महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने मीडिया के सामने राज्य में सरकार बनाने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनके पास सबसे ज्यादा विधायक हैं। चंद्रकांत पाटील ने कहा कि उनके पास 119 (105 बीजेपी और 14 निर्दलीय) विधायकों का समर्थन है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी राज्य को एक स्थिर सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। बीजेपी के बिना महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं हो सकती। पाटील ने आगे कहा कि बीजेपी के सभी विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाएँगे और किसानों की दुर्दशा को समझेंगे।
गौरतलब है कि 288 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 24 तारीख को चुनाव के नतीजे आए थे और किसी भी दल या गठबंधन के सरकार न बना पाने के बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया है। बता दें कि बीजेपी और शिवेसना ने एक साथ चुनाव लड़ा था और 161 सीटें जीती थीं। हालाँकि चुनाव के बाद शिवसेना ने बीजेपी से सीएम पद साझा करने की बात कही, जिस पर सहमति न बनने के बाद दोनों दलों ने अपने रास्ते अलग कर लिए।
चंद्रकांत पाटील ने कहा कि बीजेपी ने चुनाव में 1.42 करोड़ मतदाताओं के वोट हासिल किए, जबकि एनसीपी 92 लोख वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। शिवसेना को 90 लाख वोट मिले और मत प्रतिशत के लिहाज से वह तीसरे नंबर पर रही। उन्होंने कहा कि 1990 के बाद से महाराष्ट्र में बीजेपी के अलावा कोई भी दल 100 से ज्यादा सीटें नहीं जीत सका है।