महाराष्ट्र के शिवसेना पार्षद यशवंत जाधव के परिसरों में IT रेड, BJP ने ₹100 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के लिंक का किया था खुलासा

आयकर विभाग ने शिवसेना पार्षद यशवंत जाधव के परिसरों की तलाशी ली, किरीट सोमैया ने किया था खुलासा

आयकर विभाग (Income Tax department) ने शुक्रवार (25 फरवरी 2022) को मुंबई नगर निगम (BMC) के शिवसेना पार्षद (Shiv Sena Corporator) और स्थायी समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव (Yashwant Jadhav) के परिसरों पर छापेमारी की। आईटी अधिकारी सुबह करीब 7:30 बजे जाधव के परिसर में पहुँचे और 100 करोड़ रुपए से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसकी संलिप्तता के सबूतों की तलाशी ली।

बता दें कि आयकर विभाग की यह कार्रवाई भाजपा नेता किरीट सोमैया द्वारा जाधव का पर्दाफाश करने के बाद हुई है। रिपोर्टों के अनुसार, कुछ दिनों पहले भाजपा नेता किरीट सोमैया ने जाधव का पर्दाफाश किया था और कहा था कि उन्होंने COVID के दौरान और शायद उससे पहले भी जनता का पैसा लूटने के लिए फर्जी कंपनियाँ बनाई हैं। किरीट सोमैया ने ईडी, आयकर और चुनाव आयोग से जाधव के 100 करोड़ के घोटाले की जाँच करने का अनुरोध किया था।

दिसंबर 2021 में, भाजपा नेता ने चुनाव आयोग, आयकर विभाग और ईडी को विधायक यामिनी जाधव, यशवंत जाधव और उनके बेटों यतिन और निखिल के खिलाफ प्रधान डीलर्स, स्काईलिंक कॉमर्शियल्स, सुपर सॉफ्ट सप्लायर्स आदि जैसी फर्जी कंपनियाँ बनाने के लिए शिकायत दर्ज की थी। इनका इस्तेमाल जनता के पैसे को डायवर्ट करने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा था कि बीएमसी के ठेकेदार के पैसे और यशवंतराव के घोटाले का जल्द ही पर्दाफाश होगा।

भाजपा नेता ने पहले ही 5 फरवरी को 100 करोड़ के COVID घोटाले का पर्दाफाश कर दिया था। उन्होंने खुलासा किया था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार द्वारा COVID केयर सेंटर के उन कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था, जिसका कोई अस्तित्व नहीं था। इस प्रक्रिया में तकरीबन 32 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

इस बीच, भाजपा नेता अतुल भाटखलकर ने मामले की पुष्टि की और कहा कि यशवंत जाधव और शिवसेना नेताओं ने मुंबई में COVID केयर सेंटरों के लिए 100 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट शेयर किया था। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि मुंबईकरों को इन धोखाधड़ी के बारे में पता चले। आयकर विभाग को जाधव और उनकी संपत्तियों पर बहुत पहले छापेमारी करनी चाहिए थी। वह मुख्य रूप से कोविड ​​धोखाधड़ी मामले में शामिल हैं।” अतुल ने आगे कहा कि भाजपा महाराष्ट्र में शिवसेना द्वारा किए गए धोखाधड़ी का पता लगाएगी।

रिपोर्टों में उल्लेख किया गया है कि जाधव ने विशेष रूप से जनता का पैसा लूटने के लिए कई नकली या शेल कंपनियाँ बनाईं। उसने इन फर्जी कंपनियों के जरिए भारी मात्रा में पैसा निकालकर करोड़ों की ठगी की। सोमैया ने ट्वीट की सीरीज में आगे कहा कि जाधव ने हवाला ऑपरेटर उदय शंकर महावर के माध्यम से अपनी एक फर्जी कंपनी प्रधान डीलर्स में 15 करोड़ रुपए जमा किए। फिर पैसा UAE भेजा गया और जाधव के परिवार के सदस्य के अकाउंट में भेज दिया गया।

जाधव द्वारा भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में, सोमैया ने एक ऑडियो क्लिप जारी किया था जिसमें जाधव को यश कॉर्पोरेशन के सूरज प्रताप सिंह देवड़ा से भायखला में 2.17 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के कॉन्ट्रैक्ट को वापस लेने के लिए आर्थिक सहायता माँगते हुए सुना गया था। जैसे ही देवड़ा ने इसे पूरा करने में असमर्थता व्यक्त की, जाधव ने देवड़ा को बीएमसी के साथ काम करना जारी रखने की धमकी दी थी।

गुरुवार (24 फरवरी 2022) को, सोमैया ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार के नेतृत्व वाली सरकार की भी आलोचना की और जनता के धन को लूटने के लिए इसके 12 प्रतिनिधियों की सूची जारी की। इस सूची में अनिल परब, संजय राउत, सुजीत पाटकर, भावना गवली, आनंद अडसुल, अजीत पवार, हसन मुशरिफ, प्रताप सरनाइक, रवींद्र वायकर, जितेंद्र अवध, अनिल देशमुख और नवाब मलिक शामिल हैं।

मुंबई में जाधव के परिसरों में आईटी की छापेमारी के बीच सोमैया ने सूची में दो और नाम जोड़े हैं, जिन्हें उन्होंने ठाकरे सरकार का ‘Dirty Dozen’ करार दिया। उन्होंने यशवंत और यामिनी जाधव और मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर को कथित धोखेबाजों की सूची में शामिल किया।

इस साल मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में बीएमसी के चुनाव होने की संभावना है। इससे पहले आयकर विभाग के अधिकारियों की एक टीम जाधव के खिलाफ छापेमारी कर रही है, ईडी के अधिकारी भी परिसर में पहुँच गए हैं और मामले की जाँच कर रहे हैं। जाधव की पत्नी यामिनी जाधव भायखला सीट से पार्टी विधायक हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया