Remdesivir का जो है सप्लायर, उसी को महाराष्ट्र पुलिस ने कर लिया अरेस्ट: देवेंद्र फडणवीस ने बताई पूरी बात

बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ कारगर दवा रेमडेसिविर (Remdesivir) पर राजनीति गरमा गई है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि रेमडेसिविर सप्लायर को महाराष्ट्र पुलिस परेशान कर रही है।

देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य की पुलिस दमन स्थित रेमडेसिविर सप्लायर को सिर्फ इसलिए परेशान कर रही है क्योंकि वहाँ के सप्लायर ने बीजेपी नेताओं के अनुरोध पर राज्य को एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर का स्टॉक देने पर राजी हो गए थे। हालाँकि महाराष्ट्र पुलिस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वह बस स्टॉक की जाँच के लिए निकले थे ताकि कालाबाजारी ना हो।

देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “चार दिन पहले, हमने ब्रुक फार्मा को महाराष्ट्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टॉक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि वे अनुमति नहीं दे सकते थे। मैंने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से बात की और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से रेमडेसिविर सप्लाई के लिए अनुमति ली, जिसके बाद आज रात (अप्रैल 17, 2021) लगभग नौ बजे, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।”

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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मंजूनाथ सिंगे ने उन्हें बताया कि उनके पास इनपुट थे कि कुछ निर्यातकों के पास 60,000 रेमडेसिविर की शीशियाँ थीं और वे केवल उसी की जाँच के लिए जा रहे हैं। लेकिन वहाँ जाकर उन्होंने गिरफ्तारी कर ली।

फडणवीस ने बताया कि (फार्मा कंपनी के मालिक से) बात करने पर पता चला कि उन्हें धमकी दी गई है। इस बारे में देवेंद्र फडणवीस ने डीसीपी और एडिशनल सीपी से बात कर उन्हें तुरंत छोड़ने की माँग की। फडणवीस ने महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार में एनसीपी (NCP) कोटे से मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) पर महाराष्ट्र में रेमडेसिविर  की मौजूदा स्थिति को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया। फडणवीस ने कहा कि नवाब मलिक को सिर्फ कोरी राजनीति करना और नैरेटिव सेट करना आता है, उन्हें राज्य के लोगों की जान से कोई लेना-देना नहीं है।

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने डीसीपी मंजूनाथ सिंगे को अनुमति पत्र दिखाया और बताया कि रेमडेसिविर की सप्लाई के लिए उन्होंने बोला है। लेकिन डीसीपी ने कहा कि इससे पहले उन्हें (पुलिस को) सूचित नहीं किया गया था। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये जो भी कुछ राज्य की सरकार पुलिस के साथ मिलकर कर रही है, वो गलत है।

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देवेंद्र फडणवीस के आरोपों को डीसीपी मंजूनाथ सिंगे ने गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस ने किसी भी रेमडेसिविर सप्लायर को गिरफ्तार नहीं किया है बल्कि उन्हें बस पूछताछ के लिए बुलाया था, क्योंकि एंटी वायरल दवा की व्यापक कालाबाजारी के इनपुट्स मिले थे।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन और उससे जुड़े सभी प्रकार के इनग्रेडिएंट्स के निर्यात पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जब तक देश में कोविड-19 की स्थिति नहीं सुधरती है, तब तक रेमडेसिविर के निर्यात पर रोक लगी रहेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया