कारोबारी ने खोल दिए भेद तो बोलीं महुआ मोइत्रा- दर्शन हीरानंदानी और उसके पिता के सिर पर बंदूक तान PMO ने करवाया साइन

महुआ मोइत्रा ने पीएमओ पर लगाया दर्शन हीरानंदानी पर दबाव डालने का आरोप (फोटो साभार: मातृभूमि/ceo-middleeast.com)

पैसा लेकर संसद में सवाल करने, कुत्ता चोरी जैसे आरोपों से घिरीं तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे पर सवाल उठाए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि हीरानंदानी को ही फायदा पहुँचने के लिए TMC सांसद पर पैसे लेकर सवाल करने का आरोप है।

सोशल मीडिया में दो पन्नों की जारी प्रेस रिलीज में महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी बताया है। बीजेपी शासित राज्यों में उनके कारोबार का जिक्र किया है। कहा है कि हीरानंदानी का हलफनामा पीएमओ द्वारा तैयार किया गया पत्र है। दर्शन हीरानंदानी और उनके पिता के सिर पर बंदूक तान कर इस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 20 मिनट का समय दिया गया था। उनके सभी कारोबार पूरी तरह से बंद करने की धमकी दी गई थी।

महुआ मोइत्रा ने कहा है कि जिस कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की मंत्री और पीएमओ तक सीधी पहुँच है, उसे उन जैसी पहली बार की सांसद कैसे उपहार और अपनी माँगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकती है? हलफनामे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए टीएमसी सांसद ने कहा है कि यह कागज का एक सफेद टुकड़ा है। इसमें कोई लेटरहेड नहीं है। इसमें लगाए गए आरोप तर्कहीन हैं। पूछा है कि दर्शन हीरानंदानी को जब सीबीआई या संसद की आचार समिति या किसी भी अन्य जाँच एजेंसी ने तलब ही नहीं किया तो फिर उन्होंने यह हलफनामा किसे दिया है?

महुआ मोइत्रा ने इसे साजिश करार देते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार अडानी मुद्दे पर उनका मुँह बंद करना चाहती है। इसमें पीएमओ और बीजेपी आईटी सेल के लोग शामिल हैं। शार्दुल श्रॉफ, साइरिल श्रॉफ, सुचेता दलाल, शशि थरूर और राहुल गाँधी का जिक्र करते हुए कहा है कि स्पष्ट रूप से ऐसा लगता है कि किसी ने हुक्म दिया है कि सबका नाम घुसा दो। ऐसा मौका फिर नहीं आएगा।

गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा ने 19 अक्टूबर 2023 यह प्रेस रिलीज दर्शन हीरानंदानी का पक्ष सामने आने के ठीक बाद जारी किया है। हीरानंदानी ने बताया है कि वे महुआ मोइत्रा को 2017 में आयोजित ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट’ के समय से जानते हैं। तब वे पश्चिम बंगाल के नदिया स्थित क़रीमनगर से विधायक हुआ करती थीं। उनका कहना है कि महुआ मोइत्रा दुबई आकर मिलती थी। उनको ब्लैकमेल कर गलत फायदा उठाती थी।

महुआ मोइत्रा कहती थी– सब कुछ छोड़ पहले मेरा काम करो: दर्शन हीरानंदानी

दर्शन हीरानंदानी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा का व्यवहार ऐसा था कि अगर उन्होंने कुछ करने के लिए कह दिया तो सब कुछ छोड़ कर पहले उनका काम ही पूरा होना चाहिए। उन्होंने बताया है कि महुआ मोइत्रा का स्वभाव हावी हो जाने वाला था और उनका मिजाज दबंग वाला था। बहुअल दर्शन, वो सब कुछ को अर्जेन्ट और संकटपूर्ण बता कर उनके समय को नियंत्रित करती थीं। कारोबारी ने बताया है कि महुआ मोइत्रा के सांसद बनने के बाद कई मौकों पर उन्हें उनकी मेजबानी करने का मौका मिला। इसके बाद वो राष्ट्रीय राजनीति में पहचानी जाने लगीं और कई प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आईं।

बकौल दर्शन, महुआ ने उन्हें बताया था कि उन्हें 2 बार राज्यसभा की सीट ऑफर की गई थी लेकिन वो जनता द्वारा चुन कर सांसद बनना चाहती थीं। उन्होंने बताया है कि वो काफी महत्वाकांक्षी थीं और राष्ट्रीय स्तर पर अपने लिए नाम बनाना चाहती थीं और उनके दोस्तों और सलाहकारों ने उन्हें बताया था कि इसके शॉर्टकट है भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले करना। उन्होंने माना है कि पीएम मोदी एक निष्कलंक प्रतिष्ठा वाले व्यक्ति हैं और किसी को भी सरकारी नीतियों, प्रशासन या व्यक्तिगत आचरण पर हमले करने का मौका नहीं देते।

दर्शन हीरानंदानी ने लिखा, “महुआ मोइत्रा को लगा कि पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला करने का रास्ता है गौतम अडानी को निशान बनाना, क्योंकि दोनों समकालीन हैं और एक ही राज्य से आते हैं। देश के बाहर और देश में भी मीडिया, कारोबार और राजनीति में कई लोग गौतम अडानी के उदय से जलने लगे थे, इससे महुआ मोइत्रा को मदद मिली। इसीलिए, पीएम मोदी को बदनाम करने और उन्हें नीचा दिखाने के लिए गौतम अडानी पर हमला कर महुआ मोइत्रा को इन लोगों से समर्थन की उम्मीद थी। वो जानती थीं कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन अडानी समूह की धर्मा LNG के साथ करार कर रही है, मेरी कंपनी के साथ नहीं।”

‘महुआ मोइत्रा ने मेरा गलत फायदा उठाया’: दर्शन हीरानंदानी

दर्शन हीरानंदानी का कहना है कि इन्हीं सूचनाओं को आधार बना कर गौतम अडानी को नीचा दिखाने के लिए महुआ मोइत्रा ने कुछ सवाल तैयार किए ताकि वो संसद में पूछ सके। उन्होंने अपनी ईमेल आईडी पर कुछ सूचनाएँ उनसे माँगी। दर्शन ने बताया कि उनके द्वारा भेजे गए कुछ सवालों पर आई प्रतिक्रियाओं से वो खुश हुईं। ये सवाल अडानी समूह से संबंधित थे। उन्होंने अपनी संसद की आईडी-पासवर्ड तक दर्शन हीरानंदानी को दे रखी थी, ताकि वो खुद सवाल अपलोड कर सकें पूछने के लिए।

हीरानंदानी ने इस दौरान सुचेता दलाल, शार्दुल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ का नाम लिया तो गौतम अडानी के बारे में अपुष्ट जानकारियाँ महुआ मोइत्रा को दे रहे थे। आरोप है कि राहुल गाँधी व कई कॉन्ग्रेस नेताओं से भी वो संपर्क में थीं। फाइनेंसियल टाइम्स, न्यूयॉर्क टाइम्स और बीबीसी के अलावा कई भारतीय मीडिया संस्थान भी उनके संपर्क में थे। कइयों ने खुद को अडानी समूह का पूर्व अधिकारी बताते हुए कई जानकारियाँ भेजीं। दर्शन हीरानंदानी का कहना है कि इन्हीं अपुष्ट सूचनाओं के आधार पर वो सवाल ड्राफ्ट कर के अपलोड करते रहे।

हीरानंदानी का कहना है कि इन सबके दौरान महुआ मोइत्रा से उनकी दोस्ती परवान चढ़ती रही। उन्होंने बताया है कि इस दौरान विपक्ष शासित राज्यों में उन्हें फायदा मिलता रहा, क्योंकि महुआ मोइत्रा के अच्छे दोस्तों में राहुल गाँधी, शशि थरूर और पिनाकी मिश्रा शामिल थे। दर्शन का कहना है कि इसके बदले में महुआ मोइत्रा ने उनसे भी कई काम करवाए और उनके समर्थन की एवज में उन्हें ये सब करना पड़ा। इसमें शामिल था – दिल्ली में उनके बँगले की मरम्मत, यात्रा के खर्च, महँगे तोहफे। यहाँ तक कि अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए भी उन्हें व्यवस्था करनी पड़ी।

दर्शन हीरानंदानी ने कहा, “कई बार मुझे लगा कि वो मेरा गलत फायदा उठा रही हैं और मुझ पर ऐसे-ऐसे काम करने का दबाव बना रही हैं जो मैं नहीं करना चाहता था। लेकिन, मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था, ऊपर बताए गए कारणों की वजह से। चूँकि संसद और न्यायपालिका में ये मामला आ चुका है, मैंने अपनी जिम्मेदार समझी कि मैं तथ्यों को सबके सामने रखूँ।” दर्शन हीरानंदानी के इस बयान के बाद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया