‘बंगाल में कॉन्ग्रेस और CPIM को हराना है’ – ममता बनर्जी ने INDI गठबंधन के साथ किया ‘खेला’, UP में अखिलेश यादव ने दिखाई औकात

INDI गठबंधन फुस्स... कॉन्ग्रेस बैकफुट पर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराने के लिए बनाया गया INDI गठबंधन दिन प्रतिदिन तार-तार हो रहा है। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भांजे अभिषेक बनर्जी ने कॉन्ग्रेस नेताओं के खिलाफ यलगार का ऐलान कर दिया है। उधर अखिलेश यादव ने भी लोकसभा चुनाव के लिए पहली सूची जारी करके साफ़ कर दिया है कि वह उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा समझौता कॉन्ग्रेस नेतृत्व के सामने नहीं करना चाहेंगे। 

ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कॉन्ग्रेस से बिना कोई समझौता किए हुए ही बंगाल के उत्तर हिस्से में एक पदयात्रा चालू कर दी है। यह पदयात्रा भी उन जिलों में हो रही है, जहाँ से कुछ ही समय पहले राहुल गाँधी गुजरे हैं। यहाँ वह यात्रा करने के साथ ही कॉन्ग्रेस पर हमला भी कर रही हैं। वह यहाँ कूचबिहार क्षेत्र में पदयात्राएँ कर रही हैं। 

बंगाल में बनर्जी & कम्पनी vs अधीर रंजन चौधरी

ममता बनर्जी ने बंगाल के इस्लामपुर में इस यात्रा के दौरान कहा, “तृणमूल कॉन्ग्रेस ही वह पार्टी है, जो आपके अधिकारों के लिए लड़ती है। हमें बंगाल में कॉन्ग्रेस और सीपीआईएम को हराने के लिए साथ आना होगा और एकजुट होना होगा।”

ममता बनर्जी ही नहीं बल्कि उनके भांजे सांसद अभिषेक बनर्जी भी कॉन्ग्रेस पर हमलावर हैं। वह बंगाल कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में कॉन्ग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पर हमला बोल रहे हैं। 

उन्होंने अधीर रंजन के रवैये पर कहा, “अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह बंगाल में राष्ट्रपति शासन चाहते हैं। वह कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और इंडिया ब्लॉक के सदस्य होने के नाते, वह ममता बनर्जी को कैसे चुनौती दे सकते हैं? हमने कॉन्ग्रेस पर हमला नहीं किया। मैंने इस विषय में कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन वह कॉन्ग्रेस के भीतर एक ट्रोजन हॉर्स हैं।” 

अभिषेक बनर्जी यहाँ ही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “पिछले 7 महीनों में, आपने देखा है कि अधीर रंजन ने क्या-क्या कहा है। वह ममता बनर्जी को चुनौती दे रहे हैं, जिन्हें कॉन्ग्रेस INDI गठबंधन के सबसे मजबूत सहयोगी बनाने का दावा कर रही है। आखिर, आप किसकी मदद कर रहे हैं? क्या आप कॉन्ग्रेस को मजबूत कर रहे हैं या बीजेपी को ?” 

गौरतलब है कि हाल ही में तृणमूल कॉन्ग्रेस ने ऐलान किया था कि बंगाल में वह अकेले चुनाव लड़ने वाली है। उधर अधीर रंजन चौधरी ने भी ममता बनर्जी पर हमले जारी रखे हैं। उन्होंने कल (30 जनवरी, 2024) को बंगाल की ममता सरकार पर आरोप लगाया कि वह राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को इजाजत नहीं दे रही है। गौरतलब है कि यात्रा आज (31 जनवरी) को बिहार से बंगाल में प्रवेश करेगी। उन्होंने आरोप लगाया है कि यहाँ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की रैली को भी इजाजत नहीं दी जा रही।

अधीर रंजन चौधरी बंगाल की कानून व्यवस्था को लेकर लगातार ममता बनर्जी की सरकार पर सवाल उठाते आए हैं। उन्होंने हाल ही में जब ED की टीम पर TMC नेता के घर पहुँचने पर हमला हुआ था तो भी बंगाल में राष्ट्रपति शासन की माँग की थी। उन्होंने पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया था।

यूपी में भी INDI गठबंधन को तगड़ा झटका

ऐसा नहीं है कि INDI गठबंधन की राह बंगाल में ही मुश्किल हो रही है। उत्तर प्रदेश में भी उनके सामने समस्याओं का अम्बार है। हाल ही में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि वह कॉन्ग्रेस को राज्य में 11 सीट देंगे। इस पर कॉन्ग्रेस ने आपत्ति जताई थी।

अब सपा ने एक कदम और आगे बढ़कर लोकसभा चुनावों के लिए 16 प्रत्याशियों की एक सूची भी जारी कर दी।  सपा ने इस सूची में फर्रुखाबाद का टिकट भी घोषित किया है। गौरतलब है कि यहाँ से पूर्व में विदेश मंत्री रहे सलमान खुर्शीद सांसद रहे हैं।

वहीं इसके अलावा खीरी लोकसभा सीट पर भी पेंच फँसेगा। दरअसल, यहाँ से सपा ने उत्कर्ष वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है। उत्कर्ष वर्मा यहाँ खीरी की सदर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं। वह कौशल किशोर वर्मा के पोते हैं, जो कि इस सीट से तीन बार विधायक रहे।

दूसरी तरफ से कॉन्ग्रेस से इस सीट से रवि प्रकाश वर्मा अपनी बेटी पूर्वी वर्मा के लिए दावा ठोंक रहे हैं। उन्होंने हाल ही में सपा छोड़कर कॉन्ग्रेस का दामन थामा है। वह यहाँ से खुद तीन बार सांसद रहे हैं। यह उनके परिवार की परम्परागत सीट है। उनका परिवार इस लोकसभा सीट को 10 बार जीत चुका है।

पंजाब-केरल में कैसे राह निकालेगा INDI गठबंधन

कॉन्ग्रेस के सामने पंजाब की भी चुनौती है। यहाँ आम आदमी पार्टी उससे समझौता करने के मूड में नहीं है। कॉन्ग्रेस का भी लोकल नेतृत्व यहाँ आप के साथ कोई डील नहीं करना चाहता है। दोनों पार्टियाँ कह रही हैं कि वह अपने दम पर 12 लोकसभा सीटों पर लड़ेंगे। उधर केरल में वामपंथी सरकार पर कॉन्ग्रेस का स्थानीय नेतृत्व रोज नए हमले कर रहा। यहाँ भी आपस में समझौता होगा, इसकी समभावना कम नजर आ रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया