30000 निमंत्रण, 75 का उद्घाटन: दुर्गा पूजा पर ममता की ‘पंडाल राजनीति’, हिन्दुओं को साधने में जुटीं

पूजा के दौरान माँ दुर्गा की मूर्ति को अंतिम रूप देतीं सीएम ममता बनर्जी (फोटो साभार: आउटलुक)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में घूम-घूम कर अपनी ज्यादा से ज्यादा उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। उनकी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस ने इस बात की पूरी कोशिश की है कि भाजपा को दुर्गा पूजा महोत्सव का कोई फ़ायदा नहीं मिले। इसके लिए ममता बनर्जी ने ज्यादा से ज्यादा निमंत्रण स्वीकार कर लिए हैं। अगर आँकड़ों की बात करें तो तृणमूल सुप्रीमो के पास विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों द्वारा 12,000 निमंत्रण आए हैं, जिनमें से कई को उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है। ममता के पास 4000 निमंत्रण सिर्फ़ दुर्गा पूजा महोत्सवों के उद्घाटन करने के लिए आए थे।

तृणमूल कॉन्ग्रेस के दावों की बात करें तो ये आँकड़े और भी बढ़ जाते हैं। बंगाल के बिजली मंत्री और तृणमूल कॉन्ग्रेस के लेबर यूनिट के संस्थापक सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने दावा किया कि कम से कम 30,000 दुर्गा पूजा पंडालों के उद्घाटन के लिए सीएम ममता के पास निमंत्रण आए हैं। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा पंडालों के उद्घाटन के मामले में भाजपा नेताओं की कम डिमांड है और तृणमूल अव्वल है। भाजपा ने तृणमूल के इन दावों को ग़लत बताया है।

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हालाँकि, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी आज कोलकाता जा रहे हैं। वहाँ वह एक दुर्गा पूजा पंडाल का भव्य उद्घाटन करेंगे। सबकी नज़रें इस बात पर हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री इस दौरान क्या बोलते हैं? शाह साल्ट लेक एरिया में स्थित एक दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करेंगे। कुल मिलकर सीएम ममता बनर्जी इस वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान 75 पंडालों का उद्घाटन ख़ुद अपने हाथों से करेंगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी आलाकमान ने कहा है कि भाजपा के बड़े नेता सिर्फ़ उन्हीं दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन करेंगे, जो प्लास्टिक फ्री हो।

पश्चिम बंगाल में वामपंथी पार्टियाँ भी दुर्गा पूजा का पूरा फायदा उठाती रही हैं। दुर्गा पूजा पंडालों के पास स्टॉल लगा कर अपने साहित्य और पर्चे बाँटने का वामपंथियों का पुराना इतिहास रहा है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा हाल ही में 2 दिनों के लिए कोलकाता गए थे लेकिन उन्होंने दुर्गा पूजा से सम्बंधित किसी धार्मिक आयोजन में हिस्सा नहीं लिया। अब देखना यह है कि अमित शाह विधान नगर में दुर्गा पूजा के पंडाल के उद्घाटन के बाद एनआरसी को लेकर क्या बोलते हैं?

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तृणमूल के कई नेताओं ने दुर्गा पूजा कमिटियों के अभिभावक के दर्जा ले रखा है और वे अपने स्थानीय इलाक़ों में पार्टी के रसूख का इस्तेमाल करते हुए शर्तें तय करते हैं। हालिया लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है और हर मामले में तृणमूल को कड़ी टक्कर दे रही है। विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरह से भाजपा को दुर्गा पूजा से दूर रखने की कोशिश हो रही है, हो सकता है पार्टी इसके लिए जल्द ही नई रणनीति लेकर आए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया