सवाल: जय श्रीराम से ममता बनर्जी को चिढ़ क्यों, TMC सांसद का जवाब: अंतिम संस्कार में ‘छैयां छैयां’ बजे तो परेशानी होगी ही

ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन

इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एक तरफ बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी तीसरी बार सरकार बनाने की उम्मीद कर रही हैं। ममता बनर्जी पिछले 10 वर्षों से बंगाल की सत्ता में हैं, इस बार वह सत्ता-विरोधी और हिंदुत्व की लहर का सामना कर रही हैं। हाल ही में बरखा दत्त को दिए एक इंटरव्यू में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बताया कि ममता बनर्जी को जय श्रीराम के नारों से चिढ़ क्यों होती है?

बरखा दत्त ने ब्रायन से पूछा कि आखिर ममता जय श्रीराम के नारों से क्यों चिढ़ जाती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित पराक्रम दिवस समारोह के दौरान वह जय श्रीराम का नारा लगाए जाने से काफी नाराज हो गई थीं। इसके अलावा 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान ममता जय श्रीराम के नारों से इतनी गुस्सा हो गई थीं कि उन्होंने काफिला रोककर भाजपा कार्यकर्ताओं को खरी-खोटी सुनाई थी।

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इस सवाल का जवाब देते हुए ब्रायन ने कहा कि ममता बनर्जी ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती समारोह के दौरान अपना आपा नहीं खोया। टीएमसी नेता ने कहा कि उन्हें जय श्रीराम के नारों से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन समस्या यह है कि इसका उपयोग कहाँ और किस तरीके से किया गया था।

इसके बाद टीएमसी नेता ने एक अजीब तुलना करते हुए कहा कि मलाइका अरोड़ा और शाहरुख खान पर फिल्माये गाने ‘चल छैयां छैयां छैयां’ में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन अगर यह उनके दोस्त के पिता के अंतिम संस्कार में बजाया जाता है, तो उन्हें इससे परेशानी होगी।

हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि ब्रायन ने अपने दोस्त के पिता के अंतिम संस्कार के लिए ममता बनर्जी के काफिले की तुलना करना क्यों उचित समझा। हिंदुओं के लिए जय श्रीराम बेहद पवित्र है। इससे स्प्ष्ट होता है कि वह इसके महत्व को नहीं समझते हैं। वह इसे कुछ इस तरह से अपमानजनक मानते हैं जैसे एक अंतिम संस्कार में बॉलीवुड गाने का बजना है। उन्हें तो शायद यह भी महसूस नहीं हुआ कि जय श्रीराम की तुलना बॉलीवुड गाने के साथ करना कितना अनुचित है। जय श्रीराम न केवल एक नारा है, बल्कि यह लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है। यह एक जाप है जो हिंदुओं को खासा प्रिय है।

बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित पराक्रम दिवस समारोह के दौरान ममता बनर्जी भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जय श्रीराम का नारा लगाए जाने से काफी नाराज हो गई थीं। उस समय पीएम मोदी भी मंच पर ही मौजूद थे और ममता ने गुस्सा जाहिर करते हुए भाषण देने से भी इनकार कर दिया था। उन्होंने पीएम सहित वहाँ मौजूद अन्य विशिष्ट लोगों के सामने आरोप लगाते हुए कहा था, ”सरकारी कार्यक्रम का एक सम्मान होना चाहिए। किसी को कार्यक्रम में बुलाकर बेइज्जती करना ठीक नहीं है।”

इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ममता का काफिला गुजरने के दौरान कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगा दिए थे। इस पर वह बौखला गई थीं। उन्होंने काफिला रोककर और गाड़ी से उतरकर उन लोगों को खरी-खोटी सुनाई और पुलिस अधिकारियों को नारा लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया