बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल भाजपा ने चुनाव को ईवीएम के जरिए हाईजैक कर लिया है और ये चुनाव परिणाम जनता के गले नहीं उतर रहा। मायावती के अनुसार जनता ने भाजपा और प्रधानमंत्री की गलत नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ी थी, लेकिन जो परिणाम आया, वह जनभावना व जन अपेक्षाओं के बिल्कुल विपरीत है।
बसपा प्रमुख का कहना है कि ईवीएम से चुनाव कराने की इस व्यवस्था में कई कमियों के बारे में उनको जानकारी मिली है और शायद यही वजह है कि देश भर में ईवीएम का विरोध हो रहा है। मायावती ने गुरुवार (मई 23, 2019) को देर शाम मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद जनता का ईवीएम पर से विश्वास ही खत्म हो जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि जब अधिकतर राजनीतिक पार्टियाँ बैलट पेपर से चुनाव कराने की माँग कर रही हैं, तो इसमें चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी को आपत्ति क्यों हो रही है? सुप्रीम कोर्ट को भी इस ओर गंभीरतापूर्वक सोच-विचार करना चाहिए। वहीं, उन्होंने यूपी में कुछ सीटों पर गठबंधन को मिली जीत को भाजपा की सोची समझी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ऐसा इसलिए किया है, ताकि चुनाव पूरी तरह से प्रभावित नजर न आए और कोई सवाल न उठा सके।
मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव व रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने गठबंधन के सभी प्रत्याशियों को जिताने की कोशिश की, लेकिन पार्टी की मेहनत के अनुरुप परिणाम न आने की तकलीफ है। इसके साथ ही उन्होंने गठबंधन के तीनों दलों के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, सांसदों व विधायकों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि बसपा, सपा और रालोद के साथ अन्य पीड़ित पार्टियाँ मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगी और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर से प्रेरणा लेकर संघर्ष जारी रखेंगी।