हार के बाद उत्तर-पूर्व से दक्षिण तक कॉन्ग्रेस में भगदड़, 13 बड़े नेताओं का इस्तीफा

कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी ने राहुल गाँधी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया

लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। ख़बर आई थी कि राहुल गाँधी ने भी अपने इस्तीफे की पेशकश की, जिसे कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी ने नकार दिया। राहुल गाँधी द्वारा इस्तीफा देने की ख़बरों के बीच पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो कार्यकर्ता आत्महत्या कर लेंगे। कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी व पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने भी राहुल को इस्तीफा न देने के लिए मनाया। इसके बाद तो जैसे कई राज्यों से इस्तीफों की झड़ी लग गई है। अलग-अलग राज्यों में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर अन्य पदाधिकारी तक, अपना इस्तीफा आलाकमान को भेज रहे हैं।

नवभारत टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, अब तक 13 बड़े कॉन्ग्रेस नेता इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को 5 लाख के क़रीब मतों के अंतर से बुरी हार का सामना करना पड़ा। वह अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। अपने शहर की बेरुखी और राज्य में कॉन्ग्रेस के ख़राब प्रदर्शन से नाराज़ बब्बर ने आलाकामन को अपना इस्तीफा भेज दिया। महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। उधर पंजाब में पार्टी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ से भी अपना इस्तीफा भेज दिया है। गुरदासपुर में सनी देवल ने जाखड़ को 82,459 मतों से हराया।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की बात कह चुके हैं। उनके ख़िलाफ़ राज्य में बाग़ी स्वर उठने भी शुरू हो गए हैं। झारखण्ड में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया है। राज्य में पार्टी को सिर्फ़ 1 सीट पर जीत मिली। जमशेदपुर के सांसद रह चुके अजय कुमार ने झारखण्ड में कॉन्ग्रेस की हार की ज़िम्मेदारी स्वीकार की है। असम में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भी पार्टी हाईकमान को इस्तीफा भेज दिया है। बता दें कि 21 ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहाँ ताज़ा लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता तक नहीं खुला।

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ओडिशा कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक, ओडिशा कॉन्ग्रेस कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष भक्त चरण दास और कर्नाटक कॉन्ग्रेस कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष एच के पाटिल समेत कई छोटे-बड़े नेताओं ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया है। अमेठी में स्मृति ईरानी के हाथों राहुल गाँधी की हुई हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्र ने अपने इस्तीफा सौंप दिया है। अमेठी में कई अन्य कॉन्ग्रेस पदाधिकारियों ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। पूर्वोत्तर में असम से लेकर दक्षिण में कर्णाटक तक, कॉन्ग्रेस पार्टी में लगी इस्तीफों की झड़ी से कार्यकर्ताओं में भगदड़ की स्थिति है।

आज सोमवार (मई 27, 2019) कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल और अहमद पटेल ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाक़ात की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष जल्द ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ भी बैठक कर सकते हैं। कॉन्ग्रेस में मंथन का दौर चालू है और आने वाले दिनों में संगठनात्मक बदलाव होना तय लग रहा है। अब देखना यह है कि राहुल गाँधी किन नेताओं पर भरोसा जताते हैं और किनका पत्ता कटता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया