दिल्ली नगर निगम (MCD) के कर्मचारियों को समय से सैलरी और पेंशन नहीं मिलने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है। इससे जुड़ी जनहित याचिका (PIL) पर सोमवार (5 अप्रैल 2021) को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि एक तरफ विज्ञापनों पर पैसे खर्च किए जा रहे दूसरी ओर इस मुश्किल समय में कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हैं।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार हाई कोर्ट ने कहा, हम देख सकते हैं कि किस तरह से सरकार राजनेताओं की तस्वीरों के साथ अखबारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन देने पर खर्च कर रही है। लेकिन कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दी जाती है।
केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने सवाल किया, “क्या ये अपराध नहीं है कि इतने कठिन समय में भी, आप विज्ञापन पर पैसा खर्च कर रहे हैं।” आप सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि नगर निगमों को धन नहीं देना पड़े, इसलिए सरकार वित्तीय संकट का हवाला देती है। लेकिन, अखबारों और अन्य माध्यमों से विज्ञापन पर पैसा खर्च करने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं है।
कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को किसी भी तरह की मोहलत देने से इनकार करते हुए कर्मचारियों का मार्च तक का पूरा बकाया क्लियर करने का आदेश दिया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमान के अनुसार, दिल्ली सरकार को ईडीएमसी को 864.8 करोड़ रुपए, एसडीएमसी को 405.2 करोड़ रुपए और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को 764.8 करोड़ रुपए देने हैं।
आजतक की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एमसीडी को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 400 करोड़ रुपए का फंड मिलना था, लेकिन उसे दिल्ली सरकार से केवल 109 करोड़ रुपए मिले हैं।
4 साल में कोई अस्पताल या फ्लाईओवर नहीं
हाल ही में तेजपाल सिंह द्वारा दायर एक आरटीआई से पता चला था कि AAP सरकार द्वारा किए गए विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचे के लम्बे-लम्बें दावों के विपरीत, राजधानी में 2015-2019 के बीच यानी 4 सालों में न तो कोई नया अस्पताल बनाया और न ही किसी फ्लाईओवर का निर्माण किया। केजरीवाल सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में स्वास्थ्य और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी के लिए 2019 में RTI दायर की गई थी।
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने आरटीआई द्वारा 3 जुलाई 2019 को पूछे गए सवालों के जवाबों की प्रति को शुक्रवार (2 अप्रैल, 2021) को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, ”RTI से खुलासा हुआ कि 1 अप्रैल 2015 से लेकर 31 मार्च 2019 के बीच दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने ना ही किसी हॉस्पिटल को अनुदान दिया और न ही किसी नए फ्लाईओवर का निर्माण करवाया। बस झूठे विज्ञापन दे-दे कर जनता को मूर्ख बना लिया और जनता भी इसकी बातों में आ गई।”
https://twitter.com/akshaylakra17/status/1377905174530826245?ref_src=twsrc%5Etfwइस बीच, खान मार्केट इलाके को सँवारने के नाम पर वहाँ एक नया सेल्फी पॉइंट बनाया गया है।
https://twitter.com/TOIDelhi/status/1378919443481260033?ref_src=twsrc%5Etfwशीला दीक्षित सरकार में परिवहन मंत्री रहे हारून यूसुफ का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में विज्ञापन और प्रचार पर 611 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों की स्थिति और बुनियादी सुविधाओं के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया है।
केजरीवाल सरकार पर पूर्व में जनता के लिए काम करने की जगह झूठे और भ्रामक प्रचारों के जरिए अपना महिमामंडन करने के आरोप भी लग चुके हैं।