लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल ने गुरुवार (मई 30, 2019) को राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में देश और दुनियाभर से तकरीबन 8000 मेहमानों ने हिस्सा लिया। इनमें यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी समेत विपक्षी दलों के तमाम वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। मगर इस समारोह में नेशनलिस्ट कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार शामिल नहीं हुए। जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री के दफ्तर से शरद पवार को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए न्यौता भी भेजा गया था, लेकिन वो इस समारोह में नहीं पहुँचे।
दरअसल, तय प्रोटोकॉल के अनुसार सीट न मिलने की वजह से शरद पवार प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 78 वर्षीय पवार वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता हैं और वह मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यालय कर्मियों को जानकारी मिली कि पवार को बैठने के लिए जो सीट दी गई है, वह प्रोटोकॉल के अनुरुप नहीं है। इसलिए वो कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। बताया जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार को पाँचवीं पंक्ति में सीट दी गई थी।
इससे पहले, गुरुवार (मई 30, 2019) को शरद पवार और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें शुरू हो गई हैं कि दोनों पार्टियों का विलय हो सकता है, हालाँकि शरद पवार ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि मुलाकात में इस तरह की कोई बातचीत नहीं हुई। उन्होंने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा कि राहुल उनके आवास पर उनसे मिलने आए। इस दौरान लोकसभा चुनाव के परिणाम और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। एनसीपी और कॉन्ग्रेस के विलय की खबर अफवाह है।