‘राम मंदिर से मोदी का ग्राफ चढ़ गया है, इसे गिराना है’: कथित किसानों का एजेंडा उनके ही नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने खोल दिया, Video

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल (फोटो साभार : The Unmute)

किसान आंदोलन के पीछे की असली वजह खुलकर सामने आ गई है। इस आंदोलन के पीछे की वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे गिराना है। खुद किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में ये बात स्वीकारी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ राम मंदिर के बाद बहुत बढ़ चुका है। इस आंदोलन में उन्होंने किसानों की तरफ से पूरा जोर लगाने की बात कही, ताकि मोदी सरकार की लोकप्रियता कम हो और उनकी सारी बातें मान ली जाएँ। हालाँकि मोदी की लोकप्रियता को गिराने की उनकी चाहत ये साफ बताती है कि ये आंदोलन क्यों खड़ा किया गया है।

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने 14 फरवरी 2024 को ‘द अनम्यूट’ से बातचीत में कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे चला जाए तो सरकार कुछ भी मान लेगी। उन्होंने कहा कि किसानों पर लाठीचार्ज ये बताता है कि ये पीएम मोदी और बीजेपी के पतन का संकेत है।

दल्लेवाल ने अपनी मंशा साफ करते हुए बताया, अगर इस सरकार द्वारा किए गए वादे को सरकार से पूरा कराना है, तो फिर सरकार बदलने से पहले उसे हमारी बातों को मानने के लिए मजबूर करना पड़ेगा। वर्ना सरकार बदल जाएगी, तो नई सरकार कहेगी कि हमने तो वादा ही नहीं किया। इसके बाद किसानों को फिर से मेहनत करनी पड़ेगी। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ रहा है, ऐसे में मुश्किल होगी।

दल्लेवाल ने कहा, “मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ मंदिर (अयोध्या रामलला मंदिर) बनने की वजह से तेजी से बढ़ा है। मैं लोगों से कहता रहा हूँ, उनके ग्राफ को नीचे लाना होगा। अगर उनका ग्राफ ऊपर रहेगा, तो वो कुछ नहीं करने वाले, लेकिन सरकार की लोकप्रियता गिरेगी, तो वो सारी बातों को मान लेगी।” इस दौरान उन्होंने दावा किया मोदी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को भी मान लिया है।

बता दें कि किसान आंदोलन से जुड़े किसानों ने पंजाब में रेल रोको आंदोलन किया। उन्होंने दिन में 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेलवे ट्रैक पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने कई टोल नाको को भी पूरी तरह से फ्री कर दिया। वहीं, सरकार और किसान नेताओं के बीच तीसरे दौर की बातचीत चंडीगढ़ में जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कोई रास्ता निकल सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया