मेरा कार्यकाल जाँच के लिए खुला था, मोदी ने युवाओं, व्यापारियों, किसानों को किया तबाह: मनमोहन

मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर बोला हमला

पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल को युवाओं, व्यापारियों व किसानों के लिए तबाही वाला बताया है। नरेंद्र मोदी सरकार के पाँच वर्षों का विश्लेषण करते हुए मनमोहन ने कहा कि भाजपा सरकार चलाने और जवाबदेही में विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा हर रोज एक नया नैरेटिव गढ़ रही है, यह दिखाता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर उनके पास कोई विजन ही नहीं है। उन्होंने अपने कार्यकाल की बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार छानबीन व जाँच के लिए एकदम खुली थी लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर ख़ुद को अनुत्तरदायी मानती है।

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मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी स्थिति में ला दिया है, इसीलिए देश आर्थिक मंदी की ओर अग्रसर है। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी सरकार को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए। मोदी की पाकिस्तान नीति पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर उनकी पॉलिसी फ्लिप-फ्लॉप पर आधारित थी। उन्होंने कहा कि मोदी पाकिस्तान तो गए ही, साथ ही उन्होंने आईएसआई को पठानकोट में निमंत्रण दिया।

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डॉक्टर सिंह ने आर्थिक भगोड़ों विजय माल्या और नीरव मोदी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोग और देश छोड़ कर भागने वालों के बीच मिलीभगत थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के प्रति लोगों में भारी गुस्सा है। इससे पहले पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह पर हमला बोलते हुए उन्हें वाचमैन और एक्टिंग पीएम बताया था। मोदी ने मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था:

क्रिकेट में दिन का खेल पूरा होने का समय आख़िरी ओवर बाकी हो और एक-दो और कोई आउट होता है तो जो आखिरी नंबर का होता है उसे लाया जाता है, वह नाइट वॉचमैन का काम करता है। नाइट वॉचमैन को भेजते हैं, जो अच्छे खिलाड़ी हैं, उन्हें नहीं भेजते। कॉन्ग्रेस को 2004 में उन्होंने सोचा नहीं था, अचानक मौका मिल गया तो राजकुमार की संभालने की स्थिति नहीं थी, ख़ुद परिवार को राजकुमार पर भरोसा नहीं था। कॉन्ग्रेस को भरोसा नहीं था तो राजकुमार के तैयार होने तक परिवार का वफादार वॉचमैन बैठाने की योजना बनी। उन्होंने सोचा कि राजकुमार आज सीखेगा, कल सीखेगा, सब इंतजार करते रहे, भरपूर ट्रेनिंग देने की कोशिश भी की गई लेकिन सबकुछ बेकार हो गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया