बोले एकनाथ शिंदे- हमें डरा नहीं सकते… हम असली शिवसैनिक: गुवाहाटी के होटल में विधायकों का आना जारी, क्या उद्धव बाप-बेटे ही बचेंगे

क्या एकनाथ शिंदे 37 का वो मैजिक फिगर हासिल कर पाएँगे जो उन्हें और उनके समर्थक शिवसेना विधायकों को दलबदल कानून के तहत कार्रवाई से बचा पाएगा?

ये वो सवाल है जो महाराष्ट्र में सियासी बवंडर की शुरुआत के बाद से लगातार पूछा जा रहा था। इसका जवाब मिल गया है। 37 शिवसेना विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल को भेजा जा चुका है। इसमें बताया गया है कि इन विधायकों ने आम सहमति से एकनाथ शिंदे को अपना नेता और भारत गोगावले को व्हिप ​चुना है।

दलबदल कानून के प्रावधानों के अनुसार शिंदे दो तिहाई विधायकों का समर्थन मिलने पर पार्टी पर अपना दावा कर सकते हैं। महाराष्ट्र में फिलहाल शिवसेना के 55 विधायक हैं। ऐसे में एकनाथ शिंदे को 37 पार्टी विधायकों के समर्थन की जरूरत थी। डिप्टी स्पीकर को भेजे गए पत्र के बाद स्पष्ट है कि अब शिवसेना के नाम, निशान, झंडे और रंग पर उनका दावा बनता है।

इस पत्र के बाद भी महाराष्ट्र के विधायकों का असम के गुवाहाटी पहुँचना जारी है। यहीं के रेडिसन ब्लू होटल में शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ हैं। इनमें कुछ निर्दलीय भी है। मीडिया रिपोर्टों में अब शिंदे समर्थक विधायकों की संख्या 50 के करीब बताई जा रही है। साथ ही कई और विधायकों के उनके साथ आने की बात कही जा रही है। इस सिलसिले को देखते हुए अब यह पूछा जाने लगा है कि आखिर में क्या उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे अकेले रह जाएँगे?

इधर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) समेत 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी दी है। याचिका पर एकनाथ शिंदे ने पलटवार किया है। एकनाथ शिंदे ने मराठी में ट्वीट कर कहा, “आप धमकी देकर किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं? हम आपकी चाल के साथ-साथ कानून भी जानते हैं। संविधान की दसवीं अनुसूची के अनुसार विधायी कार्यों के लिए व्हिप की आवश्यकता होती है न कि विधायक दल की बैठकों के लिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं।”

उन्होंने कहा, “12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अर्जी देकर आप हमें डरा नहीं सकते, क्योंकि हम शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के असली शिवसेना और असली शिव सैनिक हैं। इसके अलावा, हम कानून भी जानते हैं। इसलिए हम इस तरह की धमकियों पर ध्यान नहीं देते। नंबर्स नहीं होने के बावजूद अवैध समूह बनाने के लिए हम आपके खिलाफ कार्रवाई की माँग करते हैं।”

अरविंद सावंत ने कहा था कि उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के समक्ष याचिका दायर कर माँग की है कि 12 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए, क्योंकि वे कल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि बैठक से पहले नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि अगर वह बैठक में शामिल नहीं हुए तो संविधान के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जिन विधायकों की सदस्यता रद्द करने की माँग की गई है उनमें एकनाथ शिंदे, प्रकाश सुर्वे, तानाजी सावंतो, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तारी, संदीप भुमरे, भरत गोगावाले, संजय शिरसातो, यामिनी यादव, अनिल बाबरी, बालाजी देवदास और लता चौधरी का नाम शामिल है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया