बेटे की जमानत याचिका ख़ारिज होने का जश्न मना रही थी शिवसेना, पिता ने MVA को दे दिया तगड़ा झटका: कोंकण में MVA की बड़ी हार

महाराष्ट्र के कोंकण में नारायण राणे ने MVA को दिया बड़ा झटका (फाइल फोटो)

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे ने महाराष्ट्र के कोंकण में सत्ताधारी MVA (महा विकास अघाड़ी) गठबंधन को बड़ा झटका दिया है। सिंधुदुर्ग जिला बैंक चुनाव को लेकर भाजपा और शिवसेना में खींचतान चल रही थी। इस चुनाव में 19 में से 11 सीटों पर भाजपा समर्थक उम्मीदवारों की जीत हुई है। इसके बाद कोंकण के भाजपा कार्यकर्ता जश्न के मूड में हैं। 8 जगहों पर शिवसेना-कॉन्ग्रेस-NCP समर्थित उम्मीदवारों की जीत हुई है। इसके बाद कोंकण में नारायण राणे के वर्चस्व और बढ़ गया है।

सतीश सावंत इस चुनाव में MVA सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जिनके राजनीतिक कद पर बुरा असर पड़ा है। हालाँकि, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र पीढ़ी को भी हार का सामना करना पड़ा। कोंकण में नारायण राणे ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि इस इलाके में उनके वर्चस्व में कोई कमी नहीं आई है। इस चुनाव में MVA सरकार की तरफ से सहकार समृद्धि पैनल और बीजेपी की तरफ से सिद्धिविनायक समृद्धि पैनल मैदान में था। उनके पुत्र और विधायक नितेश राणे भी जोश में हैं।

पुलिस उनकी तलाश कर रही है और उन्हें खोजने के लिए छापेमारी भी चल रही है, लेकिन उन्होंने कुछ दिनों बाद अचानक से शुक्रवार (31 दिसंबर, 2021) को उन्होंने अपने फेसबुक प्रोफ़ाइल पर ‘गाड़ दिया’ लिख कर अपनी एक तस्वीर पोस्ट की। इसके बाद उनकी ‘एडमिन टीम’ के हवाले से एक अन्य वीडियो शेयर किया गया, जिसमें भाजपा कार्यकर्ता जश्न मनाते हुए दिख रहे हैं। सिंधुदुर्ग की एक अदालत उनकी अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज कर चुकी है, जिसमें उन पर हत्या के प्रयास का आरोप है।

उनका कहना है कि उन्हें झूठे मामले में फँसाया गया है और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उनकी अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज होने के बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जम कर आतिशबाजी की थी। इसके बाद पोस्टर्स लगाए गए कि नितेश राणे खो गए हैं। उन्हें ढूँढ कर लाने वाले को इनाम में मुर्गी देने की बात कही जा रही है। पोस्टर्स किसने लगाए हैं, इसे लेकर सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा कि ताज़ा चुनाव परिणाम उनके परिवार के खिलाफ शिवसेना की गंदी राजनीति की हार है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया