नवजोत सिद्धू ने ठुकराई अमरिंदर सिंह की अपील, पटियाला में काला झंडा फहराकर किया ‘कोरोना सुपर स्प्रेडर’ किसान आंदोलन का समर्थन

नवजोत सिंह सिद्धू ने किसान आंदोलन के समर्थन में पत्नी संग अपने घर पर फहराया काला झंडा (फोटो साभार : ANI)

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आग्रह की अनदेखी करते हुए विवादों में चल रहे कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय किसान यूनियन के समर्थन में आ गए हैं। सिद्धू ने मंगलवार (25 मई 2021) को प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पटियाला स्थित अपने आवास पर काला झंडा फहराया। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार (23 मई 2021) को भारतीय किसान यूनियन को पटियाला में अपने तीन दिवसीय प्रस्तावित धरने को स्थगित करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। उनकी सरकार ने पंजाब के हालात दिल्ली, महाराष्ट्र जैसे न बने इसके लिए सख्त लड़ाई लड़ी है।

नवजोत सिद्धू ने ट्विटर पर अपना और अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू का घर की छत पर काला झंडा फहराने का एक वीडियो भी साझा किया। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, “विरोध में काला झंडा फहराना … हर पंजाबी को किसानों का समर्थन करना चाहिए !!”

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वहीं, अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्धू के घर पर उनकी बेटी राबिया सिद्धू ने काला झंडा फहराया। इस मौके पर राबिया सिद्धू ने ‘जो बोले सो निहाल’ के जयकारे लगाए और किसानों के हक में कृषि कानून रद्द करने को लेकर केंद्र सरकार का विरोध करते हुए ‘जय किसान जय जवान’ के नारे लगाए।

सिद्धू ने कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ कहा

सिद्धू ने काला झंडा फहराने के बाद किसानों को केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ भड़काया। इन कानूनों के खिलाफ अपनी पार्टी के नेताओं, विशेष रूप से राहुल गाँधी द्वारा फैलाए जा रहे झूठ और भ्रामक सूचनाओं को दोहराते हुए सिद्धू ने कहा, ”कृषि कानून ‘ब्लैक लॉ’ या ‘काला कानून’ है। अगर इसे लागू किया जाता है, तो यह गरीब किसानों के लिए विनाशकारी साबित होगा। सिद्धू ने पंजाब के किसानों को तब तक अपनी जंग जारी रखने के लिए उकसाया जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर नहीं हो जाती।”

दरअसल, दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए किसान संगठनों को समर्थन देते हुए पूर्व मंत्री सिद्धू ने सोमवार (24 मई 2021) को ही ऐलान कर दिया था कि वह अमृतसर और पटियाला में अपने घर की छत पर काला झंडा लहराएँगे। 

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वहीं, तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर लगातार धरना प्रदर्शन जारी है। विरोध प्रदर्शन को 26 मई के दिन छह महीने पूरे हो रहे हैं। इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मई को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया है।

बता दें कि कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन से प्रस्तावित 3 दिन के धरना प्रदर्शन को रोकने की अपील की थी। सीएम ने संगठन से कहा था कि प्रदर्शन करने से कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से फैल सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया