‘अडानी का नाम तो लेना होगा…’: 25 करोड़ रुपए का चेक मिला तो शरद पवार ने की उद्योगपति की तारीफ

गौतम अडानी और शरद पवार (साभार: जनसत्ता)

नेशनलिस्ट कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने उद्योगपति गौतम अडानी की एक बार फिर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सेंटर बनाने के लिए 25 करोड़ रुपए की जरूरत थी, लेकिन उनके आग्रह पर गौतम अडानी ने तुरंत 25 करोड़ रुपए का चेक भेज दिया।

दरअसल, शरद पवार शनिवार (23 दिसंबर 2023) को पुणे जिले के बारामती में एक प्रौद्योगिकी लैब के उद्घाटन के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठान ने एक प्रोजेक्ट हाथ में लिया है। तकनीक के कारण इंजीनियरिंग क्षेत्र के बदलने के कारण एक ऐसा वर्ग बनाना जरूरी है, जो बदलाव को स्वीकार कर सके।

उन्होंने आगे कहा, “हम भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का पहला सेंटर बना रहा हैं। इस परियोनजा पर 25 करोड़ रुपए की लागत आने वाली है। इसके लिए अब फंड की भी व्यवस्था हो चुकी है। मेरी अपील पर मेरे सहयोगियों ने तुरंत समर्थन दिया।”

अडानी समूह का प्रमुख का नाम लेते हुए पवार ने आगे कहा, इस मौके पर मुझे गौतम अडानी का नाम लेना होगा। उन्होंने 25 करोड़ रुपए का चेक संस्था को भेजा है।” इसके लिए उन्होंने गौतम अडानी को धन्यवाद भी दिया। बता दें कि पवार ऐसे समय में अडानी की प्रशंसा कर रहे हैं, जब महाविकास अघाड़ी में उनकी सहयोगी रही शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे उनका विरोध कर रहे हैं।

हाल ही में मुंबई की धारावी विकास परियोजना को लेकर उनकी पार्टी ने गौतम अडानी के खिलाफ मार्च निकाला था। इसके बहाने उन्होंने महाराष्ट्र की भाजपा गठबंधन सरकार को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इसके साथ ही I.N.D.I गठबंधन के नेता भी अक्सर सरकार की आलोचना करने के लिए गौतम अडानी के नाम का इस्तेमाल करते हैं।

बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद जब I.N.D.I गठबंधन निशाना बना रही थी, तब भी शरद पवार ने उनकी तारीफ की थी। उस दौरान कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के नेतृत्व में विपक्षी दल अडानी ग्रुप के खिलाफ संयुक्त संसदीय समिति (JPC) द्वारा जाँच की माँग करते आ रहे थे। तब शरद पवार ने कह दिया था कि JPC जाँच की कोई जरूरत नहीं है।

JPC की माँग को लेकर उन्होंने कहा था, “इस मुद्दे को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया गया। जो मुद्दे उठाए गए, किसने उठाए? इनके (हिंडनबर्ग) बारे में हमने कभी नहीं सुना। उनकी पृष्ठभूमि क्या है? जब वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं जो पूरे देश में हंगामा खड़ा कर देते हैं तो इसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है। इन बातों को नज़रअंदाज नहीं कर सकते। ऐसा लगता है कि यह निशाना बनाया गया था।”

बताते चलें कि उद्योगपति गौतम अडानी और शरद पवार की दोस्ती लगभग दो दशक पुरानी है। शरद पवार ने साल 2015 में मराठी में आई अपनी आत्मकथा ‘लोक भूलभुलैया संगति…’ में भी गौतम अडानी की तारीफ की है। इसमें शरद पवार ने गौतम अडानी को सरल, जमीन से जुड़ा व्यक्ति और मेहनती बताया है।

उन्होंने लिखा है कि अडानी ने हर चुनौती स्वीकार की और आगे बढ़े। पवार ने इसमें आगे लिखा है, “मेरे ही कहने पर ही अडानी ने थर्मल पावर सेक्टर में कदम रखा था। वह हीरा उद्योग में अच्छी कमाई कर रहे थे, लेकिन गौतम को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में प्रवेश करने की उनकी महत्वाकांक्षा थी।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया