‘मेरे पैसे और गिफ्ट वापस कर दो’ – जिसे मिले सिर्फ 7 वोट, उस कैंडिडेट ने वोटरों से लगाई गुहार

चुनाव हारने के बाद कैंडिडेट ने वापस माँगे पैसे और गिफ्ट (फोटो साभार: deccan chronicle)

हैदराबाद के निजामाबाद से एक बेहद ही हास्यास्पद मामला सामने आया है। यहाँ के एक राजनेता पशम नरसिमलू ने चुनाव हारने के बाद वोटरों के पास जाकर अजीबोगरीब निवेदन किया। दरअसल इन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान वोटरों पर काफी अधिक खर्च किया था, मगर इसके बावजूद वो हार गए। इसके बाद उन्होंने वोटरों से कहा कि वो इमानदारी दिखाते हुए उनके दिए पैसे और गिफ्ट वापस कर दें।

नरसिमलू का कहना है कि वह TRS के संस्थापक सदस्य थे, लेकिन फिलहाल वह पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं, क्योंकि निजामाबाद ग्रामीण के विधायक, बाजीराव गोवर्धन ने पिछले कुछ दिनों में उन्हें दरकिनार कर दिया है। इससे पहले वो DCCB और DCMS के निदेशक के रूप में भी काम कर चुके हैं। इस बार उन्होंने निजामाबाद जिले के इंदलवई गाँव में सहकारी चुनाव लड़ा था, जिसमें वो पराजित हो गए। उन्हें मात्र 7 वोट मिले थे।

इसके बाद उन्होंने गाँव के मतदाताओं से कहा कि चुनावी कैंपेन के दौरान उन्होंने जो रकम उन्हें दी थी, वो वापस कर दें, क्योंकि उन्होंने उनको वोट नहीं दिया। चुनाव का नतीजा सामने आने के बाद नरसिमलू ने एक बड़ी पदयात्रा आयोजित की थी। इस दौरान उन्होंने मतदाताओं के घरों में जाकर उन्हें कैश और गिफ्ट दोनों वापस करने के लिए कहा। और हैरानी की बात है कि कुछ मतदाताओं ने कैश वापस भी कर दिए, जबकि कुछ मतदाताओं का कहना था कि उन्होंने उनसे गैर कानूनी रूप से पैसे या गिफ्ट देने के लिए नहीं कहा था।

जानकारी के मुताबिक नरसिमलू ने चुनाव से पहले सभी वोटर्स को 3000 रुपए और हर महिला वोटर को एक साड़ी दी थी। इसके अलावा सभी पुरुषों व महिलाओं के लिए शराब और सॉफ्ट ड्रिंक का इंतजाम किया गया था। 

चुनाव हारने के बाद उनके पैसे वापस माँगने पर कुछ मतदाताओं ने यह कर कर वापस कर दिया कि वो ऐसा ‘मानवीय आधार’ पर कर रहे हैं, जबकि अधिकांश लोगों ने यह कर मना कर दिया कि उन्होंने पैसे नहीं माँगे थे। उन्होंने एक उम्मीदवार के तौर पर स्वेच्छा से ये रकम और गिफ्ट उन्हें दी थी। दिलचस्प बात यह है कि उनकी पत्नी वर्तमान में इंदलवाई की सरपंच हैं, जबकि नरसिमलू ने खुद लगभग तीन दशकों तक PACS के अध्यक्ष के रूप में काम किया है और वो इस तरह की बातें कर रहे हैं।

डेक्कन क्रॉनिकल से बात करते हुए पासम नरसिमलू ने कहा कि वह मतदाता के फैसले का पालन करेंगे। आगे उन्होंने कहा, “मैंने 1981 से प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। लेकिन मतदाताओं ने मुझे इस बार हराया। लोग मेरी हार के कारणों को जानते हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया