बीवी पायल अब्दुल्ला से तुरंत तलाक चाहिए उमर अब्दुल्ला को, पहुँचे SC: निकाह के बाद त्याग दिया था ‘नाथ’ सरनेम

उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला (फाइल फोटो/चित्र साभार- न्यूज़ 18)

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला से वैवाहिक संबंधों को लेकर चल रहा विवाद अभी भी दिल्ली उच्च न्यायालय में अटका हुआ है। इसका कारण यह है कि उनकी पत्नी के वकील ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग कार्यवाही के लिए अभी तक भी सहमति नहीं दी है, जबकि उमर अब्दुल्ला जल्द तलाक लेना चाहते हैं।

आखिरकार अब उमर अब्‍दुल्‍ला ने सुप्रीम कोर्ट की मदद लेने का फैसला लिया है। उमर अब्दुल्ला ने एक याचिका के जरिए दिल्‍ली हाईकोर्ट के उस सर्कुलर को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया है कि दूरस्‍थ माध्‍यम की सुनवाई (वर्चुअल सुनवाई) के लिए दोनों पक्षों को सहमत होना जरूरी है। रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए नोटिस जारी किया है।

उमर अब्दुल्ला और पायल की शादी सितंबर 01, 1994 को हुई थी। दोनों ही साल 2009 से अलग रह रहे हैं। पायल नाथ एक सिख फैमिली से थी और उनके पिता मेजर जनरल रामनाथ सेना से रिटायर्ड हैं। गौरतलब है कि दिल्ली HC ने राहत देने से इंकार करने के बाद उमर अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई और कहा कि सर्कुलर के खिलाफ उसकी याचिका को खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार (फ़रवरी 18, 2021) को उमर अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अप्रैल, 2020 को जारी सर्कुलर को चुनौती देने पर सहमति जताई है। साथ ही, पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया और प्रतिक्रिया भी माँगी।

हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री की इस याचिका पर जल्‍द सुनवाई के लिए मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले को सही समय पर ही सुना जाएगा। इस मामले में उमर अब्दुल्ला की ओर से कॉन्ग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल केस लड़ रहे हैं।

कपिल सिब्बल ने कहा कि वैवाहिक मामले में अन्य पक्ष अंतिम सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जल्द सुनवाई की सहमति नहीं दे रहा है। कपिल सिब्बल ने दलील दी कि दूसरा पक्ष ट्रायल कोर्ट के समक्ष कार्यवाही में उपस्थित हुआ है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वो दूसरे पक्ष को सहमति देने के लिए बाध्य कर सकते हैं?

इस मामले में अगली सुनवाई अब दो सप्ताह के बाद होगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अप्रैल 26, 2020 के सर्कुलर को चुनौती देने वाली अब्दुल्ला की याचिका को पिछले साल 03 नवंबर को खारिज कर दिया था। उमर अब्दुल्ला ने दलील दी थी कि सुनवाई अदालत के 2016 के एक आदेश के खिलाफ उनकी विवाह संबंधी अपील फरवरी, 2017 से अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है।

वहीं, सुनवाई अदालत ने अब्दुल्ला की तलाक याचिका को खारिज कर दिया था। कोरोना वायरस महामारी के बीच अदालतों के सीमित कामकाज के दौरान इस पर सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि उमर अब्दुल्ला से अलग हो चुकीं उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला ने वर्चुअल सुनवाई के लिए अपनी सहमति नहीं दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया