कॉन्ग्रेस ने किया ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ का विरोध, पाकिस्तान क्या करेगा-क्या सोचेगा पर सीनियर नेता की हालत पतली

पी चिदंबरम ने किया विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का विरोध (फाइल फोटो/इकोनॉमिक टाइम्स)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त 2021 को भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day)’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय से कॉन्ग्रेस सहमत नहीं दिखी। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान 15 अगस्त को विभाजन विभीषिका निंदा दिवस के रूप में मनाए, तब भारत क्या करेगा?

पी चिदंबरम ने रविवार (15 अगस्त 2021) को ट्वीट करके कहा कि पीएम मोदी ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस घोषित किया है, लेकिन बँटवारे की हिंसा और नरसंहार सिर्फ एक ही दिन नहीं हुआ था। उन्होंने आगे लिखा कि भारत तब क्या करेगा अगर पाकिस्तान 15 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका निंदा दिवस’ घोषित कर दे। चिदंबरम का कहना था कि भारत को परिपक्व व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि भारत और पाकिस्तान पड़ोसी हैं और दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं।

https://twitter.com/PChidambaram_IN/status/1426881234240565258?ref_src=twsrc%5Etfw

चिदंबरम से पहले कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सूरजेवाला भी इस निर्णय से नाराज दिखाई दिए थे। उन्होंने एक दिन पहले ही कहा था कि जब चुनाव नहीं होता है तब पीएम मोदी पाकिस्तान के प्रति प्यार दिखाते हैं। अब उत्तर प्रदेश का चुनाव नजदीक आ रहा है, ऐसे में पीएम मोदी चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। हालाँकि, चिदंबरम की भाषा से ऐसा ही लग रहा है, मानो उन्हें पीएम मोदी के इस निर्णय से पाकिस्तानी भावनाओं के आहत होने का भय हो।

ज्ञात हो कि 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के बँटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने याद किया कि किस तरह नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गँवानी पड़ी थी। पीएम मोदी ने आशा जताई कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day)’ का यह दिन लोगों को भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएँ भी मजबूत होंगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया