J&K: राहुल गाँधी ने पाक न्यूज वेबसाइट्स को दिया कच्चा माल, कहा- ‘ बर्बरता महसूस की’

श्रीनगर एयरपोर्ट से लौटाए जाने के बाद पाकिस्तान की मीडिया में छाए राहुल गाँधी

श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस दिल्ली लौटा दिए कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी ने ट्वीट कर दावा किया कि उन्होंने उस बर्बरता को महसूस किया जो वहाँ के कश्मीरी झेल रहे हैं। इस बयान के बाद से वे पाकिस्तान की मीडिया में छाए हुए हैं। पाकिस्तानी मीडिया उनके बयानों को आधार बनाकर अपने प्रोपगेंडा को धार देने की कोशिश कर रहा है।

श्रीनगर से दिल्ली लौटने के बाद उन्होंने ट्वीट किया, “जम्मू-कश्मीर के लोगों की स्वतंत्रता और नागरिक आजादी पर अंकुश लगाए हुए 20 दिन हो गए हैं। लेकिन विपक्ष के नेताओं और मीडिया को जम्मू-कश्मीर के लोगों पर किए जा रहे कठोर बल प्रयोग और प्रशासनिक क्रूरता का अहसास तब हुआ, जब हमने शनिवार को श्रीनगर का दौरा करने की कोशिश की।”

https://twitter.com/RahulGandhi/status/1165590570951069696?ref_src=twsrc%5Etfw

जाहिर है इस समय पाकिस्तान का और कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेताओं का रोना एक ही हैं। इसलिए पाकिस्तान ने तुरंत राहुल गाँधी के बयान को अपनी मीडिया कवरेज में प्राथमिकता दी। पाकिस्तान के मशहूर अखबार द डॉन ने अपनी खबर में उनके शब्दों को हेडलाइन बनाकर लिखा कि कॉन्ग्रेस नेता ने अपने विक्षुब्ध अनुभवों के बारे में ट्वीट करते हुए बताया कि उन्हें प्रतिनिधिमंडल के साथ ‘भारत अधिकृत कश्मीर’ में जाने से रोका गया।

dawn की खबर का स्क्रीनशॉट

वहीं, टाइम्स ऑफ इस्लामाबाद में कश्मीर पर कवरेज करते हुए छापा गया कि मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद वहाँ प्रतिबंध लगा दिए गए हैं, जिस कारण कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी और अन्य 11 नेताओं को श्रीनगर में उतरने के बाद तुरंत दिल्ली भेज दिया गया। यहाँ इस अखबार ने कॉन्ग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के नाम का भी जिक्र किया जो राहुल गाँधी के साथ उनके प्रतिनिधिमंडल में थे।

पाकिस्तानी मीडिया में छाए रहे राहुल गाँधी

इसी तरह फ्रंटियर पोस्ट और द स्टेट्समैन जैसी न्यूज वेबसाइट्स ने भी राहुल की दिल्ली वापसी की खबर प्रमुखता से चलाई। जैसे वहाँ भारतीय नेताओं का प्रतिनिधिमंडल नहीं, पाकिस्तान नेताओं का प्रतिनिधिमंडल कश्मीर का जायजा लेने दौरे पर पहुँचा हो।

स्पष्ट है कि इस समय अपना हित खोजने के लिए पाकिस्तानी राजनेता और वहाँ का मीडिया सिर्फ़ कॉन्ग्रेस नेताओं के बयानों पर आश्रित है। वह कश्मीर में अपने मनमुताबिक ‘अराजक’ स्थिति पर लिखने के लिए कॉन्ग्रेस के नेताओं को फॉलो कर रहा है। वर्तमान सरकार तो उनसे इस मसले को लेकर क्या किसी मसले पर बात करने को तैयार नहीं है। क्योंकि आतंकवाद के मुद्दे को लेकर भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपनाया कड़ा रुख अभी तक बरकरार है।

गौरतलब है कि कश्मीर में बर्बरता महसूस किए जाने वाले बयान के अलावा राहुल कह चुके हैं कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। वायरल होती अपनी एक वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि सरकार ने, गवर्नर ने उन्हें बुलाया था। वह बोलते हैं “सरकार कह रही थी कि सब नॉर्मल है, लेकिन अगर सब नॉर्मल है तो मुझे जाने क्यों नहीं दे रहे? हम किसी भी एरिया में जाने को तैयार हैं, अगर 144 लागू है तो हम जेल जाने को भी तैयार हैं।”

उनके इस वीडियो का भी पाकिस्तानी मीडिया धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रही है। इमरान सरकार में मंत्री फवाद हुसैन ने लिखा, “मोतीलाल नेहरू के परपोते, जवाहरलाल नेहरू के पोते, कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को उनके पूर्वजों के यहाँ नहीं जाने दिया गया। यह दिखाता है कि किस तरह आरएसएस और नाजी विचारधारा ने इंडिया पर कब्जा कर लिया है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया