ग़रीब BJP विधायक को मिला जनता का साथ, पक्के मकान के लिए जनता ने दिया चंदा

मध्य प्रदेश में विजयपुर विधानसभा सीट के आदिवासी बीजेपी विधायक सीताराम का संघर्षपूर्ण जीवन किसी मिसाल से कम नहीं। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक विधायक होने के बावजूद उनके सिर पर आज तक पक्की छत नहीं थी। वो अपनी पत्नी के साथ आज भी कच्चे मकान में ही रहते थे। आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने कॉन्ग्रेस के रामनिवास रावत को शिक़स्त दी थी। सीताराम इस सीट से लगातार तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं।

विधायक सीताराम को भले ही ग़रीबी के चलते कच्चे मकान में अपना गुजर-बसर करने में दिक़्कत ना हो, लेकिन उनका इस तरह की तंगी हालत में जीना उनके पड़ोसियों को बिल्कुल नहीं भाया। इसलिए उन सभी ने एकजुट होकर फ़ैसला लिया और ग़रीब विधायक सीताराम के कच्चे घर को पक्के घर में बदलने का बीड़ा उठाया। इसके लिए लोगों ने ₹100-1000 चंदे के रूप में दिए।      

विधायक सीताराम श्योपुर ज़िले के कराहल विकासखंड के पिपरानी गांव के रहने वाले हैं। यही वो गाँव है जहाँ वो दो कमरों के एक छोटे से कच्चे घर में अपना जीवन बिता रहे थे, जिसे अब पक्के मकान का स्वरूप दिया जा रहा है। क्षेत्रीय लोगों को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं थी कि उनका जनप्रतिनिधि झोपड़ीनुमा घर में रहे।

वहाँ के लोगों का कहना है कि सीताराम ने अपने जीवन में हमेशा संघर्ष किया। जिसे जब ज़रूरत होती है विधायक सीताराम उसके साथ होते हैं। किसी भी व्यक्ति की मदद करने में उन्हें कभी कोई संकोच नहीं होता। विधायक सीताराम ने कहा, ”मेरे पास पैसा नहीं है, इसलिए अपने परिवार के साथ कच्चे मकान में रहता हूँ। लोगों ने सहयोग के तौर पर पक्का मकान बनाने के लिए मुझे 100 से 1000 रुपए दिए हैं। ये पैसे लोगों ने मुझे विजयपुर सीट से जीतने के बाद स्वागत के दौरान दिये। इतना ही नहीं, विजयपुर में मुझे जनता ने सिक्कों से भी तौला है। इस रक़म से मकान निर्माण का शुरू कर दिया गया है।”

विधायक सीताराम की पत्नी इमरती बाई ने कहा कि उनके पति लंबे समय से संघर्ष करते चले आ रहे हैं। स्थानीय लोगों की मदद से अब स्थिति सुधरने के आसार नज़र आ रहे हैं। लोगों के इस व्यवहार के लिए उन्होंने कहा कि उनके पति जनता के काम को अपना काम मानते हैं और इसलिए जनता भी उन्हें अपना मानती है।

जानकारी के मुताबिक, साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के लिए सीताराम को जो शपथ पत्र दिया था, उसके मुताबिक़ अब उनके पास केवल ₹46,733 शेष हैं, जिनमें से ₹25,000 नक़द और ₹21,733 रूपये दो बैंक खातों में जमा हैं। इसके अलावा, उनके पास 2.817 एकड़ ज़मीन और 600 वर्ग फुट की झोपड़ी है, जो उन्हें विरासत में मिले हैं। इसकी अनुमानित क़ीमत क़रीब ₹5,00,000 हो सकती है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया