‘जब आपके माता-पिता से छीना गया था जीने का अधिकार’: PM मोदी ने युवाओं को सुनाया ‘आपातकाल’ का हाल, आज भारत के अंतरिक्ष में पहुँचने पर भी चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (26 जून 2022) मन की बात के 90वें कार्यक्रम के जरिए देश से एक बार फिर मुखातिब हुए। उन्होंने अपने संबोधन में युवाओं को आपातकाल से लेकर स्पेस सेक्टर के बारे में बताया। उन्होंने खेल जगत पर चर्चा करते हुए नीरज चोपड़ा और मिताली राज की उपलब्धियों को गिनाया। इसके अलावा वह पर्यावरण पर व आने वाले धार्मिक उत्सवों पर भी बात करते सुनाई पड़े।

उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए आपातकाल पर बात की। पीएम मोदी ने 24-25 वर्ष के युवा लड़कों को बताया कि 1975 में एक समय वो भी आया था जब लोगों से उनके जीवन के हर अधिकार को छीन लिया गया था। न देश की अदालतें काम कर रही थीं, न प्रेस और न कोई संवैधानिक संस्था। सेंसरशिप के नाम पर बिन अनुमति कुछ भी नहीं छापने दिया जा रहा था। उन्होंने बताया कि कैसे उस दौर को भारतीयों ने हराया और वापस देश में लोकतंत्र आया।

इसके बाद उन्होंने स्पेस सेक्टर पर बात करते हुए इन-स्पेस नामक एजेंसी की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस एजेंसी के लोकार्पण के दौरान उन्हें इसी सेक्टर में कई स्टार्ट-अप्स के आइडिया मिले। पीएम मोदी ने याद दिलाया कि एक समय में कोई स्पेस सेक्टर में स्टार्ट अप को लेकर सोचता भी नहीं था। लेकिन अब इनकी संख्या 100 से अधिक है। कोई छोटे पे लोड्स को अंतरिक्ष तक ले जाने के लिए काम कर रहा है तो कोई सस्ते फ्लैट एंटीना बनाने पर। स्कूल स्टूडेंट तन्वी तक एक सैटेलाइट पर काम कर रही है जो कुछ महीनों में लॉन्च होगी।

पीएम ने बताया कि कैसे नीरज चोपड़ा ने हाल के दिनों में अपने ही जैवलीन थ्रो के रिकॉर्ड को तोड़ा। खेलो इंडिया युवा खेलों में भी इस बार कई खिलाड़ी देश को मिले। आगे अपनी बात बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने भारतीय महिला क्रिकेट की पूर्व कप्तान मिताली राज को शुभकामनाएँ दीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वेस्ट टू वेल्थ’ पर चर्चा करते समय मिजोरम की राजधानी आइजवाल का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि वहाँ नदी को बचाने के लिए काम में जुटी एक संस्था ने पॉलिथिन से सड़क बनाने का फैसला किया है। इसी तरह हिमाचल में भी स्वच्छता को लेकर साइकलिंग रैली हो रही है।

इसके बाद पीएम मोदी ने भारत के धार्मिक उत्सवों पर बात करते हुए भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध यात्रा पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ये यात्रा आषाढ़ महीने की द्वितीया से शुरू होती है और वह लोग जब अहमदाबाद में थे तब वहाँ निकाली जाने वाली इस रथयात्रा में हमेशा भाग लेते थे। वहाँ इसे आषाढ़ी बिज कहते हैं और इसी दिन से कच्छ का अपना नया साल शुरू होता है। मन की बात के दौरान उन्होंने कच्छ की जनता को नए साल की शुभकामनाएँ दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया