PM मोदी का कार बदलना रूटीन प्रक्रिया, दाम 3 गुना ज्यादा बता रहे लिबरल: कभी सोनिया गाँधी करती थीं PM की कार का प्रयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कार रूटीन प्रक्रिया, सोनिया गाँधी के रेन्ज रोवर क्यों भूले लोग? (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई मर्सिडीज-बेन्ज ‘Maybachs’ कार को लेकर हंगामा मचाया जा रहा है और इसके दाम को भी बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है। ये ‘S650 Guard’ मॉडल की उच्च क्षमता वाली कार है, जिसमें VR10 स्तर का सुरक्षा कवच है। दुनिया की किसी भी कार में मौजूद ये सबसे अभेद सुरक्षा कवच है। सोशल मीडिया पर विपक्षी और वामपंथी ऐसे अफवाह फैला रहे हैं, जिअसे कि इस कार की खरीद कोई सुरक्षा अनिवार्यता न होकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘व्यक्तिगत अय्याशी’ हो।

इंटरनेट पर लिबरल गिरोह और कॉन्ग्रेस से सहानुभूति रखने वाले पत्रकार व कथित एक्टिविस्ट्स इसमें सबसे आगे हैं। ‘प्रसार भारती’ के पूर्व CEO और TMC सांसद जवाहर सरकार ने इस कार का दाम 12 करोड़ रुपया बताते हुए पीएम मोदी को ‘फ़क़ीर’ कह कर तंज कसा और लिखा कि वो हार के बावजूद इन सुविधाओं को नहीं छोड़ेंगे। अधिवक्ता प्रशांत भूषण भी इसमें पीछे नहीं रहे, जो हाल ही में कोरोना वैक्सीन और मास्क के खिलाफ अफवाह फैला कर कुख्यात बन चुके हैं।

जवाहर सरकार ने फैलाया झूठ

उन्होंने दवा किया कि इससे पहले रेन्ज रोवर और टोयोटा लैंड क्रूजर का उपयोग करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कार को अपग्रेड कर लिया है। उन्होंने पीएम मोदी पर 8000 करोड़ रुपए का प्राइवेट जेट रखने और दिन भर में 4 बार डिजाइनर कपड़े पहनने के आरोप भी लगाए। गिरोह विशेष के कई अन्य लोगों ने भी ये झूठ फैलाया।

प्रशांत भूषण ने किए अजबोगरीब दावे

अब इस प्रोपेगंडा की पोल खोलने का समय आ गया है। असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार का दाम जितना बताया जा रहा है उसका एक तिहाई ही है। साथ ही SPG सिक्योरिटी डिटेल्स के बारे में भी बनाया गया, जिसमें पहले से तय किए गए नियम के अनुसार से काम किए जाते हैं। इसमें SPG हर 6 महीने में गाड़ी को बदल देती है, जिसकी सुरक्षा में वो लगी हो। लेकिन, पीएम मोदी के लिए पिछली कारण 8 वर्षों से प्रयोग में थीं। जब SPG सिक्योरिटी का ऑडिट हुआ तो समिति ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए कार न बदले जाने पर आपत्ति जताई।

असल में इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जिस कार का मुख्यतः उपयोग किया जा रहा था, उस मॉडल को बनाना BMW ने बंद कर दिया है, इसीलिए मर्सिडीज-बेन्ज का ‘Maybachs S650 Guard’ का लाया जाना एक अपग्रेड नहीं, बल्कि रूटीन प्रक्रिया है। ये निर्णय सुरक्षा देने वाली एजेंसी खतरे की स्तर को देखते हुए लेती है। इसमें प्रधानमंत्री की कोई व्यक्तिगत राय नहीं होती। साथ ही कार के सुरक्षा फीचर्स को लेकर सोशल मीडिया और मीडिया में चर्चा राष्ट्रहित में नहीं है, साथ ही ये उस व्यक्ति की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाला भी है।

जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी व्यक्तिगत पसंद के लिए ये कार नहीं चुना है, हमें याद रखना चाहिए कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को यूपीए काल में प्रधानमंत्री के लिए आने वाले रेन्ज रोवर कारों का प्रयोग करते हुए देखा गया था। पीएम मोदी के लिए नई कार का आना एक नियमित बदलाव है। ये फैसले पीएम नहीं, सुरक्षा एजेंसियाँ लेती हैं। इस पर उँगली उठाने वाले वही लोग हैं, जो सोनिया गाँधी द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए आई कार के इस्तेमाल पर चुप रहते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया