‘वो जीवनपर्यन्त राष्ट्र निर्माण को गति देने में जुटे रहे’: PM मोदी ने जयंती पर ‘सदैव अटल’ पहुँच कर पूर्व प्रधानमंत्री को अर्पित की श्रद्धांजलि, CM योगी के साथ जन्मस्थली भी पहुँचेंगे

'सदैव अटल' पर दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के संस्थापक स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उनके समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ पर पहुँच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उनके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी समाधि स्थल पर पहुँचे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को उनकी समाधि को नमन किया। प्रधानमंत्री ने एक वीडियो सन्देश के जरिए भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी है।

प्रधानमंत्री ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी जयंती पर देश के सभी परिवारजनों की ओर से मेरा कोटि-कोटि नमन। वे जीवनपर्यंत राष्ट्र निर्माण को गति देने में जुटे रहे। माँ भारती के लिए उनका समर्पण और सेवा भाव अमृतकाल में भी प्रेरणास्रोत बना रहेगा”

प्रधानमंत्री ने कहा कि माँ भारती के लाडले अटल बिहारी का जीवन राष्ट्र को समर्पित रहा। वह पल-पल राष्ट्र के लिए जिए। ऐसे व्यक्तित्व बहुत कम होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें परिस्थिति को साधने वाला बताया। प्रधानमंत्री ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कुछ यादें भी साझा की।

प्रधानमंत्री के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के आगरा जनपद में उनके स्थान बटेश्वर पहुँचेंगे। यहाँ वह एक सांस्कृतिक संकुल केंद्र का उद्घाटन करेंगे। यहाँ उनकी स्मृति कृषि मेला और कवि सम्मेलन का भी आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि अटल जी ने यह दिखाया कि स्थिर सरकार देश के लिए लाभप्रद होती हैं। वह राजनीति के अजातशत्रु थे।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को आगरा के बटेश्वर गाँव में हुआ था। वह भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्होंने 1950 के दशक से अपनी संसदीय यात्रा चालू की थी जो कि अनवरत 2009 तक चलती रही। वह जनता दल की सरकार में देश के विदेश मंत्री भी बने थे। उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओ के साथ मिलकर भाजपा की स्थापना की थी। स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे।

सबसे पहले वह वर्ष 1996 में 13 दिन, फिर 1998 से 1999 में 13 महीने और फिर 1999 से 2004 तक पाँच वर्षों के लिए भारत के प्रधानमंत्री बने। उनकी सरकार के दौरान कारगिल युद्ध जैसे निर्णायक पल भारत के लिए आए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया