PM मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में की पहली ‘मन की बात’: चुनाव से लेकर ओलंपिक और आंध्र प्रदेश के अरकू कॉफी पर भी चर्चा

पीएम मोदी (साभार: आजतक)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (30 जून 2024) को अपने तीसरे कार्यकाल में ‘मन की बात’ के पहला एपिसोड को संबोधित किया। यह ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 111वाँ एपिसोड है। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनावों के सफल आयोजन के लिए देश की जनता का आभार जताया। इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक, आंध्र प्रदेश के अरकू कॉफी आदि की भी बात की।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलिंपिक में जाने वाले भारतीय दल को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि इस बार ओलिंपिक में कुछ चीजें पहली बार देखने मिलेंगी। पीएम मोदी ने कहा, “अगले महीने इसी समय तक पेरिस ओलिंपिक शुरू हो जाएँगे। मैं भारतीय दल को शुभकामनाएँ देता हूँ।”

खिलाड़ियों की मनोबल को बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, “इस बार हमारा हैशटैग #Cheer4Bharat है। इसके जरिए हमें अपने खिलाड़ियों को चीयर करना है। टोक्यो की यादें अब तक ताजा हैं। तभी से हमारे खिलाड़ी तैयारियों में जुटे थे। 900 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। इस बार कुछ चीजें पहली बार देखने मिलेंगी।”

पीएम मोदी ने कहा, “मैं आज देशवासियों को धन्यवाद करता हूँ कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया।” उन्होंने आगे कहा, “2024 का चुनाव दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। दुनिया के किसी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ, जिसमें 65 करोड़ लोगों ने वोट डाला हो।”

हर महीने के अंतिम रविवार को होने वाला यह मासिक रेडियो प्रोग्राम चार महीने बाद हुआ। इससे पहले यह फरवरी में प्रोग्राम हुआ था। तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि राजनीतिक मर्यादा का पालन करते हुए लोकसभा चुनाव के इन दिनों में तीन महीने ‘मन की बात’ का प्रसारण नहीं होगा। बता दें उस समय देश में चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी।

लोकसभा चुनाव के बाद के पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हूल दिवस की भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि 30 जून को आदिवासी भाई-बहन ‘हूल दिवस’ के रूप में मनाते हैं। यह दिन वीर सिद्धो-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचार का पुरजोर विरोध किया था। दोनों भाइयों ने 1855 में अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठा लिया था।

उन्होंने कुवैत सरकार द्वारा अपने नेशनल रेडियो पर हिंदी में आधे घंटे के एक कार्यक्रम को शुरू करने पर खुशी जाहिर की। इसके साथ ही 30 जून को आकाशवाणी का संस्कृत बुलेटिन अपने प्रसारण के 50 साल पूरे करने को लेकर भी देशवासियों को बधाई। उन्होंने कहा, “50 साल से लगातार इस बुलेटिन ने कितने ही लोगों को संस्कृत से जोड़े रखा है।”

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के अरकू कॉफी की भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत के कई प्रोडक्ट्स की दुनिया-भर में बहुत डिमांड है। ऐसा ही प्रोडक्ट अरकू कॉफी है। यह आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीता राम राजू जिले में पैदा होती है। ये अपने रिच फ्लेवर-अरोमा के लिए जानी जाती है। अरकू कॉफी की खेती से करीब डेढ़ लाख आदिवासी परिवार जुड़े हुए हैं। 

बता दें कि ‘मन की बात’ को 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों और 11 विदेशी भाषाओं में ब्रॉडकॉस्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और सिंहली भाषा शामिल हैं। कार्यक्रम का ब्रॉडकास्ट आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जाता है। मन की बात का पहला एपिसोड 3 अक्‍टूबर 2014 को प्रसारित हुआ था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया