चाँद के बाद अब सूर्य की बारी: ‘चंद्रयान 3’ की सफल लैंडिंग के जश्न में दक्षिण अफ्रीका से शामिल हुए PM मोदी, कहा – चन्द्रमा के उस ध्रुव पर पहुँचा भारत, जहाँ कोई देश न जा सका

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं

ISRO ने ‘चंद्रयान 3’ की सफल लैंडिंग के साथ ही दुनिया भर में भारत का लोहा मनवा दिया है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “मेरे सभी परिवारजनों, जब आँखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीव धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएँ राष्ट्र जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती हैं। ये पल अविस्मरणीय है, ये क्षण अभूतपूर्व है, ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है, ये क्षण नए भारत के जयघोष का है, ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है, ये क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है, ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है, ये क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है, ये क्षण भारत के उदयमान भाग्य के आह्वान का है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृतकाल के प्रथम प्रभा में सफलता की ये अमृतवर्षा हुई है। उन्होंने कहा कि हमने धरती पर संकल्प लिया और चाँद पर उसे साकार किया। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक साथियों ने कहा- ‘भारत अब चाँद पर पहुँच चुका है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि वो इस समय BRICS में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं, लेकिन हर देशवासी की तरह उनका मन भी चंद्रयान महाअभियान में भी लगा हुआ था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नया इतिहास बनते ही हर भारतीय जश्न में डूब गया है, हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। उन्होंने टीम चंद्रयान को, ISRO को और देश के सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि उन्होंने इस पल के लिए वर्षों तक इतना परिश्रम किया है। इसे उत्साह, उमंग, आनंद और भावुकता से भरा अद्भुत पल बताते हुए 140 करोड़ देशवासियों को कोटि-कोटि बधाई दी। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचा है, जहाँ आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुँच सका है।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “अब आज के बाद से चाँद से जुड़े मिथक बदल जाएँगे। कथानक भी बदल जाएँगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएँगी। कभी कहा जाता था- चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे, चंदा मामा बस एक टूर के हैं। हमने भविष्य के लिए कई बड़े और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। जल्द ही सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए इसरो आदित्य एल-1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। भारत बार-बार ये साबित कर रहा है कि- आकाश हमारी सीमा नहीं है। साइंस और टेक्नोलॉजी देश के उज्ज्वल भविष्य के आधार हैं।”

ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने भी उन सभी को धन्यवाद दिया, जो सफलता की इस प्रक्रिया में उनके साथ रहे। उन्होंने इस दौरान इस अभियान से जुड़े लोगों को बधाई भी दी। बता दें कि भारत के ‘चंद्रयान 3’ मिशन का बजट 615 करोड़ रुपए है, जो अंतरिक्ष पर बनी 2014 की हॉलीवुड की फिल्म ‘इंटरस्टेलर’ के बजट से भी कम है। अब भारत ने सूर्य के मिशन का भी ऐलान कर दिया है। दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति एलन मस्क ने भी कहा है कि ‘चंद्रयान 3’ भारत के लिए अच्छा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया