‘प्रकृति की सुरक्षा से सुरक्षित होता है हमारा भविष्य’: PM मोदी ने नेशनल पार्क में छोड़े नामीबिया से आए चीते, कहा – जो कड़ी टूट गई थी…

नामीबिया से आए 8 चीतों को पीएम मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार (17 सितंबर, 2022) को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में ‘प्रोजेक्ट चीता’ (Project Cheetah) लॉन्च किया है। इस प्रोजेक्ट चीता के अंतर्गत नामीबिया से कुल 8 चीते भारत लाए गए हैं। इनमें 5 मादा व 3 नर हैं। पीएम मोदी ने इनमें से तीन चीतों के बॉक्स को खोलकर बाड़े में छोड़ा है। इस प्रोजेक्ट के लॉन्चिंग कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, “दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। मैं ये भी कहूँगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृति-प्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है। मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहाँ की सरकार का भी धन्यवाद करता हूँ जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ। आज आजादी के अमृत काल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। ये बात सही है कि जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं। कुनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहाँ का ग्रास लैंड इकोसिस्टम फिर से रिस्टोर होगा, बायो डायवर्सिटी और बढ़ेगी।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएँ, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक और पर्यावरण, पर्यावरण और पक्षी, भारत के लिए ये स्थिरता और सुरक्षा के विषय हैं। हमारे लिए ये संवेदनशीलता और आध्यात्मिकता का भी आधार हैं। उन्होंने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत, पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी कोई विरोधाभाषी क्षेत्र नहीं है। बकौल पीएम मोदी, पर्यावरण की रक्षा के साथ ही, देश की प्रगति भी हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है।

प्रोजेक्ट चीता पर बोलते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे यहाँ एशियाई शेरों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि कैसेआज गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है। पीएम ने कहा, इसके पीछे दशकों की मेहनत, रिसर्च बेस्ड पॉलिसीज और जन-भागीदारी की बड़ी भूमिका है। टाइगर्स की संख्या को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया गया था, उसे समय से पहले हासिल किया है। असम में एक समय एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था, लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है। हाथियों की संख्या भी पिछले वर्षों में बढ़कर 30 हजार से ज्यादा हो गई है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया