आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का PM मोदी ने किया आगाज, अब हर नागरिक की अपनी हेल्थ ID: जानें क्या हैं फायदे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (साभार: बीजेपी का ट्वीट)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (सितंबर 27, 2021) आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की। इस योजना के अनुसार अब देश के हर नागरिक की हेल्थ आईडी तैयार की जाएगी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर पीएम ने इस योजना को उन्हें ही समर्पित किया और इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बताया।

https://twitter.com/BJP4India/status/1442363784551550982?ref_src=twsrc%5Etfw

पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

-आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन भी पूरे देश में शुरू।
-गरीब और मध्यम वर्ग के इलाज में आने वाली दिक्कतें होंगी दूर।
-योजना, पंडित दीनदयाल उपध्याय को समर्पित।
-कोरोना काल में संक्रमण कंट्रोल करने में आरोग्य सेतु ऐप ने की मदद।
-देश में लगी तकरीबन 90 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज।
-कोरोना काल में टेलिमेडिसिन का विस्तार।
-ई-संजीवनी के जरिए सवाल करोड़ रिमोट कंसल्टेशन कंप्लीट। सुविधा के जरिए दूर रहने वाले भी हो रहे बड़े अस्पतालों के डॉक्टर से कनेक्ट।
-3 वर्ष में आयुष्मान भारत पर हजारों करोड़ रुपए सरकार ने किए वहन।
-अब आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन पूरे देश के अस्पतालों के डिजिटल हेल्थ सोल्यूशंस को एक दूसरे से कनेक्ट करेगा।
-सबको मिलेगी हेल्थ आईडी। हर नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड होगा सुरक्षित।
-डॉक्टर और मरीज दोनों कर पाएँगे अपने रिकॉर्ड को चेक। डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल सबका होगा रजिस्ट्रेशन।
-योजना के तहत देश के जो अस्पताल हैं, क्लीनिक हैं, लैब्स हैं, दवा की दुकानें हैं ये सभी भी रजिस्टर होंगी।
-ये एक ऐसा मॉडल, जिसमें बीमारियों से बचाव पर बल होगा,- यानी प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, बीमारी की स्थिति में इलाज सुलभ हो, सस्ता हो और सबकी पहुँच में हो।
-गाँव में स्वास्थ्य सुविधा सुधरे, इसके लिए आज गाँव और घर के निकट ही प्राइमरी हेल्थ केयर से जुड़े नेटवर्क को सशक्त किया जा रहा है। अभी तक ऐसे 80,000 सेंटर चालू हो चुके हैं।
-पिछले 7-8 साल में पहले की तुलना अधिक डॉक्टर्स और पैरामेडिकल मैनपावर देश में तैयार हो रही है।
-8,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्रों ने तो गरीब और मध्यम वर्ग को बहुत बड़ी राहत दी है।

कैसे बनेगा हेल्थ कार्ड

हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर NDHM हेल्थ रिकॉर्ड (PHR ऐप्लीकेशन) उपलब्ध होगा। उसके जरिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसमें यूनीक ID 14 डिजिट की होगी। जिनके पास मोबाइल नहीं है, वे रजिस्टर्ड सरकारी-निजी अस्पताल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, वेलनेस सेंटर और कॉमन सर्विस सेंटर आदि पर कार्ड बनवा सकेंगे। वहाँ सामान्य सी जानकारियाँ पूछी जाएँगी, जैसे नाम, जन्म की तारीख, संपर्क आदि।

फायदे

इस कार्ड का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री इसमें अपडेट होगी। अस्पताल बदलने के साथ उसे जो कागजों को संभालने और उन्हें जोड़ने घटाने में समय लगता था, वो कम होगा। जब कोई मरीज किसी अस्पताल में इलाज के लिए जाएगा तो उसे वहीं सभी रिकॉर्ड डिजिटल फॉरमेट में मिलेंगे। यही नहीं, अगर आप दूसरे शहर के अस्पताल में जाएँगे तो भी आपको यूनीक आईडी का लाभ होगा। डॉक्टर आसानी से आपकी रिपोर्ट्स देख पाएँगे और नई रिपोर्ट और पहले की रिपोर्ट में खर्च होने वाला समय बच जाएगा। इस कार्ड को बनवाना अनिवार्य नहीं होगा। यह व्यक्ति की इच्छा पर होग। इसकी खासियत है कि इसका डेटा ट्रांसफर होगा लेकिन सिर्फ आपकी मर्जी से। जब तक ओटीपी नहीं देंगे तब तक डेटा नहीं जाएगा।

आयुष्मान भारत योजना की सफलता

परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 20 जुलाई 2021 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत 16.14 करोड़ जारी हो चुके हैं। इसके अलावा इस योजना में 23 हजार अस्पतालों को पैनल बद्ध किया गया है। लाभार्थियों की बात करें तो 13.44 करोड़ परिवार (65 करोड़ लोग) कों इस योजना में शामिल करके इसका विस्तार हुआ है।

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से देश के 10.74 करोड़ परिवारों को ₹500000 का स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है। यह योजना को 33 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित कि जा रही है। इस योजना के आरंभ से अब तक लगभग 2 करोड़ उपचार किए जा चुके हैं। जिसके लिए सरकार द्वारा 26400 करोड रुपए की राशि खर्च की गई है।आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 918 हेल्थ बेनिफिट पैकेजेस है जिसमें 1669 प्रोसीजर है। लाभार्थी इस योजना के माध्यम से कोविड-19 का उपचार भी करवा सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया