600 एकड़ में खाद कारखाना, 750 बेड्स वाला AIIMS: गोरखपुर को PM मोदी की ₹10,000 Cr की सौगात, हर साल 12.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया

गोरखपुर पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भेंट की भगवान गणेश की प्रतिमा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर को AIIMS और खाद कारखाना समेत 10,000 करोड़ रुपयों के परियोजनाओं की सौगात दी। ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)’ के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने ‘रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर’ की भी सौगात पूर्वांचल को दी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मोदी है तो मुमकिन है’ की बात करते हुए कहा कि अब पूर्वांचल का सपना साकार हो रहा है और देश आनंद का उत्सव मना रहा है। उन्होंने बाबा गोरखनाथ की भूमि पर पीएम मोदी का स्वागत किया।

बता दें कि गोरखपुर का उर्वरक संयंत्र प्रतिवर्ष 12.7 लाख मेट्रिक टन नीम-लेपित यूरिया का उत्पादन करेगा। इससे न सिर्फ किसानों के जीवन में समृद्धि आएगी, बल्कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20,000 रोजगार भी पैदा होंगे। इसके निर्माण में 8603 करोड़ रुपए की लागत आई है। वहीं 1011 करोड़ रुपए में बना AIIMS बिहार, झारखंड और नेपाल के मरीजों को भी लाभान्वित करेगा। हाईटेक लैब्स के कारण पूर्वांचल के लोगों को मेडिकल परीक्षण के लिए महानगरों का रुख नहीं करना पड़ेगा।

बता दें कि 2016 में इस खाद कारखाने का शिलान्यास भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही किया था। इसका नाम ‘हिंदुस्तान फर्टिलाइजर’ है, जो 600 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। वहीं 112 एकड़ में बने एम्स का भी शिलान्यास 2016 में ही हुआ था। वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पुणे के ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ की तर्ज पर बना ICMR का जाँच केंद्र इंसेफ्लाइटिस, कालाजार, चिकनगुनिया, और डेंगू के अलावा कोविड-19 वायरस की भी पहचान कर सकता है

एम्स और खाद कारखाने का किस तरह पूर्वांचल को अरसे से इंतजार था, इसका जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब डबल इंजन की सरकार होती है तो डबल तेजी के साथ काम भी होता है। उन्होंने कहा कि जब नेक नीयत के साथ काम होता है तो आपदाएँ भी अवरोध नहीं बन पाती हैं। कोरोना प्रबंधन को लेकर भी उन्होंने सीएम योगी की तारीफ़ की। सीएम योगी ने याद दिलाया कि कैसे पहले इंसेफ्लाइटिस के मरीजों के सैम्पल जाँच के लिए पुणे भेजना पड़ता था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर देश की खाद्य सुरक्षा की गारंटी देनेवाला आत्मनिर्भर भारत एक तस्वीर पेश कर रहा है। गोरखपुर एम्स की सुविधाओं की बात करें तो यहाँ 750 बेड का अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, यूजी और पीजी छात्रों के लिए छात्रावास भी मौजूद हैं। यहाँ अत्याधुनिक संयंत्रों के साथ-साथ अन्य चिकित्सा संस्थानों की मदद भी करेगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया