‘गोवा न भारतीयता को भूला और न भारत गोवा को’: मुक्ति दिवस पर PM मोदी ने शहीदों को याद किया, कहा- पर्रिकर गोवा के सच्चे सपूत

नरेंद्र मोदी की गोवा यात्रा में भारत माता की जय के नारों से शहीदों को किया गया याद (चित्र साभार - ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 19 दिसम्बर (रविवार) को गोवा के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री के पहुँचते ही राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। पीएम मोदी यहाँ पर आज़ादी के अमृत महोत्सव में शामिल होने पहुँचे हैं। आज गोवा मुक्ति दिवस भी है। आज ही के दिन गोवा को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त कराया गया था।

आज गोवा के पुर्तगाल से आज़ादी के 60 वर्ष पूरे हुए हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके साथ ही उन्होंने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “हम गोवा के बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को कभी नहीं भुला सकते।”

भारत के सशस्त्र बलों द्वारा 19 दिसम्बर 1961 को गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त करवाया गया था। तब से हर वर्ष आज के दिन गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आज दोपहर में पणजी के मीरामार की फ्लाई पास्ट देखी। इसी के साथ वहाँ आयोजित जलयान परेड में भी प्रधानमंत्री ने शिरकत की।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।

गोवा के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में मोदी का जोरदार स्वागत किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा, “गोवा एक ऐसे समय में पुर्तगालियों के अधीन आया था, जब देश के दूसरे बड़े भूभाग में मुगलों की सल्तनत थी। सदियों की उठा-पटक के बीच न गोवा कभी अपनी भारतीयता को भूला और न भारत कभी गोवा को भूला। यह एक ऐसा रिश्ता है, जो समय के और सशक्त हुआ है। गोवा मुक्ति का संग्राम एक ऐसी अमर ज्योति है, जो हजारों झंझावातों को झेल कर भी प्रदीप्त रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “वीर शिवाजी और संभाजी के नेतृत्व में मराठाओं के लगातार संघर्ष तक गोवा के लिए लगातार प्रयास हुए। हर किसी के तरफ से हुआ। गोवा से पहले देश आजाद हो चुका था। देश अधिकांश लोगों को अपने अधिकार मिल चुके थे। लेकिन लोगों ने मुक्ति और स्वराज के लिए कभी आंदोलन को थमने नहीं दिया। उन्होंने भारत की आजादी के इतिहास में सबसे लंबे समय तक आजादी की लौ को जलाकर रखा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भारत मानवता की रक्षा करने वाला विचार है, एक परिवार है।”

इस दौरान प्रधानमंत्री ने गोवा की स्वतंत्रता संघर्ष में 31 वीरों के बलिदान को याद किया। उन्होंने प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को गोवा का महान सपूत बताते हुए उन्हें नमन किया और कहा कि उन्होंने अंतिम साँस तक गोवा की तरक्की के लिए प्रयास किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम वीज़ा नियमों को और अधिक सरल कर रहे हैं। गोवा की सरकार ने भी कई विकास कार्यों को करवाया है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत आज एक बड़े विजन के साथ काम कर रहे हैं। आज गोवा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। यहाँ टेक्निकल शिक्षा की तरफ छात्रों का रुझान बढ़ा है। गोवा ने मेक इन इंडिया और सबका साथ सबका विकास संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।” मोदी ने गोवा को 75 साल स्वतंत्रता के पूरा होने तक एक बड़ा लक्ष्य रखने का आह्वान किया।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।