22 भाषाएँ, 29 बोलियाँ…100 करोड़ लोग: 9 सालों में ‘जन-जन’ तक पहुँची PM मोदी की ‘मन की बात’, 100वें एपिसोड का UN हेडक्वार्टर में होगा लाइव ब्रॉडकास्ट

मन की बात (तस्वीर साभार: Wikipedia)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ के 100 वें एपिसोड पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने जोरो-शोरों से तैयारी की हुई है। प्रधानमंत्री 11 बजे देशवासियों से मन की बात करेंगे। इस कार्यक्रम का लाइव ब्रॉडकॉस्ट संयुक्त राष्ट्र के हेडक्वार्टर्स में भी होगा।

इसके अलावा मीडिया में ये भी बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने पीएम मोदी के इस संबोधन को जन-जन तक पहुँचाने के लिए विदेश समेत 4 लाख जगहों पर आयोजन किए हैं। राजभवन से लेकर भाजपा के हर मुख्यमंत्री के आवास पर औ AIR के 500 से ज्यादा केंद्रों पर इसका प्रसारण होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन-जन से जुड़ने के लिए इसकी शुरुआत की थी। धीरे-धीरे जनता तक जनता की बात पहुँचाने का यह एक सशक्त माध्यम बन गया। 22 भाषाओं और 29 बोलियों में इसे प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा इसका ब्रॉडकॉस्ट 11 विदेशी भाषाओं- फ्रेंच, इंडोनेशियन, तिब्बती, बर्मा, बलूची, अरबी, पश्तू, पारसी, दारी और स्वाहिली में भी होता है।

अध्य्यन बताता है कि पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में अपने साथ कम से कम 100 करोड़ लोगों को जोड़ा और समाज में इससे एक जमीनी बदलाव आ सका। ‘मन की बात’ संस्करणों में स्वच्छता से लेकर स्वास्थ्य पर बातें हुईं जहाँ लोगों को पीएम मोदी खुद छोटे-छोटे मुद्दों पर जागरूक करते नजर आए। सबसे खास बात यह रही कि पीएम की बातों का उनके प्रयासों का असर भी देखने को मिला।

आईआईएम रोहतक के सर्वे के अनुसार, मन की बात ने 100 करोड़ श्रोताओं तक अपनी जगह बनाई। 23 करोड़ लोग तो नियमित इसे सुनते रहे। वहीं सर्वे की मानें तो 96 फीसदी जनसंख्या इस रेडियो प्रोग्राम के बारे में जानती थी। इस संबंध में एक्सिस मॉय इंडिया और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी में इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस (IFC) ने भी एक रिसर्च की है।

इसकी रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कार्यक्रम के जरिए आम लोगों को बदलाव लाने वाली योजनाओं में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया गया। इससे देश और इसके नागरिकों के जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ा। जमीन पर बदलाव लाने वालों को इस कार्यक्रम में सम्मान मिला। ‘Mann Ki Baat: A Decade of Reflections’ नामक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों ने इस कार्यक्रम को सुन कर एक्शन लिया, बदलाव में साथ दिया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया