देश ने लगाया यूनिकॉर्न्स का शतक, कुल मूल्य ₹25 लाख करोड़: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 89वें एपिसोड में कहा- योग दिवस पर देश के 75 जगहों पर कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार (29 मई 2022) को ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के 89वें एपिसोड को संबोधित करते हुए कई बातों का जिक्र किया। पीएम ने यूनिकॉर्न कंपनी, भाषा-बोली, सामाजिक जुड़ाव और लोगों की प्रेरणादायक कहानियाँ देशवासियों के साथ साझा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस महीने की 5 तारीख को देश में Unicorn की संख्या 100 हो गई है। उन्होंने कहा कि एक यूनिकॉर्न मतलब, कम-से-कम 7,500 करोड़ रुपए का स्टार्टअप। इन यूनिकॉर्न्स का कुल वैल्यूएशन 330 बिलियन डॉलर, यानी, 25 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सामर्थ्य से नया विश्वास जागा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “निश्चित रूप से ये बात हर भारतीय के लिए गर्व करने वाली बात है कि हमारे कुल Unicorn में से 44 पिछले साल बने थे।इतना ही नहीं, इस वर्ष के 3-4 महीने में ही 14 और नए Unicorn बन गए। इसका मतलब यह हुआ कि global pandemic के इस दौर में भी हमारे Start-Ups, wealth और value, create करते रहे हैं। Indian Unicorns का Average Annual Growth Rate, USA, UK और अन्य कई देशों से भी ज्यादा है।”

इस दौरान प्रधानमंत्री ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित श्रीधर वेम्बू, मदन पडाकी और मीरा शिनॉय के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “हमारे यहाँ मदन पडाकी जैसे लोग भी हैं, जिन्होंने rural entrepreneurs को बढ़ावा देने के लिए 2014 में One-Bridge नाम का platform बनाया था। आज One-Bridge दक्षिण और पूर्वी-भारत के 75 से अधिक जिलों में मौजूद है। इससे जुड़े 9,000 से अधिक rural entrepreneurs ग्रामीण उपभोक्ताओं को अपनी सेवाएँ उपलब्ध करा रहे हैं।”

पीएम ने कहा, “मीरा शेनॉय जी एक ऐसी मिसाल हैं, वो Rural, Tribal और disabled youth के लिए Market Linked Skills Training के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं।” उन्होंने कहा कि Start-Up के लिए आज देश में एक पूरा support system तैयार हो रहा है। प्रधानमंत्री ने उपहार में मिले गुड़ियों की भी बात की और कहा कि यह एक special Thanjavur Doll है, जिसे GI Tag भी मिला हुआ है और Thanjavur Self-Help Group द्वारा बनाया जाता है। उन्होंने देश के सभी महिला self Group की सराहना की।

भाषा और बोलियों को लेकर पीएम मोदी ने कहा, हमारे देश में कई सारी भाषा, लिपियाँ और बोलियों का समृद्ध खजाना है। अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग पहनावा, खानपान और संस्कृति, ये हमारी पहचान है। ये Diversity, ये विविधता एक राष्ट्र के रूप में हमें अधिक सशक्त करती हैं और एकजुट रखती हैं।”

पीएम मोदी ने उत्तराखंड में चल रहे चारधाम यात्रा का जिक्र किया और कहा कि इन स्थानों पर गंदगी फैलाने से लोगों को बचना चाहिए। उन्होंने रूद्र प्रयाग के रहने वाले श्रीमान मनोज बैंजवाल की बता करते हहुए कहा कि वे पिछले पच्चीस वर्षों से पर्यावरण की देख-रेख कर रहे हैं। वे स्वच्छता की मुहिम चलाने के साथ ही पवित्र स्थलों को प्लास्टिक मुक्त करने में भी जुटे रहते हैं।

योग को आज जीवन का आवश्यक अंग बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व के top Business person से लेकर film और sports personalities तक, students से लेकर सामान्य मानव तक, सभी योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बार अमृत महोत्सव पर देश के 75 स्थानों पर सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। ये स्थान कोई प्राचीन मंदिर, पर्यटन केंद्र, कोई प्रसिद्ध नदी, झील या तालाब का किनारा भी हो सकता है।

अपनी हालिया जापान यात्रा को लेकर प्रधानमंत्री ने बताया, “वे लोग हैं तो जापान के, लेकिन भारत के प्रति इनमें गज़ब का लगाव और प्रेम है। इनमें से एक हैं हिरोशि कोइके जी, जो एक जाने-माने Art Director हैं। इन्होंने Mahabharat Project को Direct किया है। इस Project की शुरुआत Cambodia में हुई थी और पिछले 9 सालों से ये निरंतर जारी है! इस Project के माध्यम से उन्होंने India, Cambodia और Indonesia सहित नौ देशों में Production किये हैं और Stage Performance भी दी हैं।”

उन्होंने कहा, “हमसे हजारों किलोमीटर दूर जापान में बैठे लोग जो न हमारी भाषा जानते हैं, जो न हमारी परम्पराओं के बारे में उतना जानते हैं, उनका हमारी संस्कृति के लिए समर्पण, ये श्रद्धा, ये आदर, बहुत ही प्रशंसनीय है।” उन्होंने कहा कि स्व से ऊपर उठकर समाज की सेवा का मंत्र, self for society का मंत्र, भारतीय संस्कारों का हिस्सा है। इसे आत्मसात करना चाहिए।

पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के आगरा के कचौरा गाँव में मीठे पानी की किल्लत को दूर करने वाले कुंवर सिंह का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा, “कुंवर सिंह को गाँव से 6-7 किलोमीटर दूर अपने खेत में मीठा पानी मिला। उन्होंने सोचा क्यों न इस पानी से बाकी सभी गाँववासियों की भी सेवा की जाए। खेत से गाँव तक पानी ले जाने के लिए 30-32 लाख रुपए चाहिए थे।”

प्रधानमंत्री ने आगे बताया, “कुछ समय बाद कुंवर सिंह के छोटे भाई श्याम सिंह सेना से retire होकर गाँव आए तो उन्हें ये बात पता चली। उन्होंने retirement पर मिली अपनी सारी धनराशि इस काम के लिए सौंप दी और खेत से गाँव तक pipeline बिछाकर गाँव वालों के लिए मीठा पानी पहुँचाया।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया