नई संसद का ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के साथ श्रीगणेश, लोकसभा के साथ-साथ विधानसभाओं में भी महिलाओं को आरक्षण: PM मोदी का बड़ा ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन की नई इमारत में विशेष सत्र में लोकसभा को संबोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों के साथ पुराने संसद भवन, जिसे अब ‘संविधान भवन’ के नाम से जाना जाएगा, वहाँ से नई संसद भवन इमारत की तरफ मार्च किया। इसके बाद उन्होंने लोकसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि इस पावन दिवस पर हमारा ये शुभारंभ संकल्प से सिद्धि की ओर एक नए विश्वास के साथ यात्रा आरंभ करने का है। नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने ‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ की सोच को आगे बढ़ते हुए एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत करने का ऐलान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में ऐसे पत्थर के मील आते हैं, जब वो गर्व से कहता है कि आज के दिन हम सबने नया इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कई नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में वो बड़े विश्वास और गर्व से कह रहे हैं कि आज का ये पल, आज का ये दिवस इतिहास में नाम दर्ज कराने वाला है। उन्होंने कहा कि सिर्फ महिलाओं के विकास की बात पर्याप्त नहीं है, हमें मानव जाति की विकास यात्रा में नए पड़ाव को अगर प्राप्त करना है, राष्ट्र की विकास यात्रा में नई मंजिलों को अगर पाना है, तो ये आवश्यक है कि ‘Women Led Development’ को हम बल दें।

पीएम मोदी ने बताया कि कैसे महिला सशक्तिकरण की उनकी सरकार ने हर योजना ने महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ईश्वर ने पवित्र कार्य के लिए उन्हें चुना है। उन्होंने कहा, “अनेक वर्षों से महिला आरक्षण पर बहुत चर्चाएँ और वाद-विवाद हुए हैं। 1996 में इससे जुड़ा बिल पहली बार पेश हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया, लेकिन उसे पास कराने के लिए आँकड़े नहीं जुटा पाए, जिस वजह से वो सपना अधूरा रह गया।”

उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं में नारी शक्ति का विस्तार करने का है। प्रधानमंत्री ने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को संसद में पेश किए जाने का ऐलान किया। उन्होंने इसके लिए देश की सभी माताओं-बहनों-बेटियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस बिल को कानून बनाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने सभी सांसदों से आग्रह किया कि वो सर्वसम्मति से पारित किया जाए। उन्होंने कहा कि जब ये बिल कानून बनेगा तो सभी महिलाओं को इसका फायदा होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आधुनिक भारत और हमारे लोकतंत्र के प्रतीक नए संसद भवन का शुभारंभ हुआ है और सुखद संयोग है कि आज गणेश चतुर्थी का शुभ दिन है। उन्होंने बताया कि कैसे भारत की अध्यक्षता में G20 का असाधारण आयोजन, विश्व में इच्छित प्रभाव के अर्थ में अद्वितीय उपलब्धियाँ हासिल करने वाला एक अवसर बना। पीएम मोदी ने कहा कि ये अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है। बकौल पीएम मोदी, आजादी के अमृतकाल का ये ऊषाकाल है और भारत अनेक सिद्धियों के साथ नए संकल्प लेकर, नए भवन में अपना भविष्य तय करने के लिए आगे बढ़ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, “अभी चुनाव दूर हैं, अभी हमारे पास समय बचा है। मैं मानता हूँ कि इस सदन में जो व्यवहार होगा, वो निर्धारित करेगा कि कौन इधर बैठने के लिए व्यवहार करता है और कौन उधर बैठने के लिए व्यवहार करता है। महिलाओं को अधिकार देने और उनकी शक्ति का उपयोग करने के इस पवित्र काम के लिए शायद ईश्वर ने मुझे चुना है। एक बार फिर हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है।” इसके बाद नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसका श्रेय लूटने की कोशिश की।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया