प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल कैडेट कॉर्प्स की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज विश्व में हमारे देश की पहचान, युवा देश के रूप में है। देश के 65 प्रतिशत से ज्यादा लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं। देश युवा है, इसका हमें गर्व है लेकिन देश की सोच युवा हो, ये हमारा दायित्व होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का युवा देश बदलना चाहता है, स्थितियाँ बदलना चाहता है और इसलिए उसने तय किया है कि अब टाला नहीं जाएगा, अब टकराया जाएगा, निपटा जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस स्थिति को मेरे आज का युवा भारत, मेरे भारत का युवा, स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है। वो छटपटा रहा है कि स्वतंत्रता के इतने साल हो गए, चीजें कब तक ऐसे ही चलती रहेंगी? कब तक हम पुरानी कमजोरियाँ को पकड़कर बैठे रहेंगे।
इस दौरान बिना नाम लिए पाकिस्तान पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “कश्मीर भारत की मुकुटमणि है। 70 साल बाद वहाँ से आर्टिकल 370 को हटाया गया। हम जानते हैं कि हमारा पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुका है। हमारी सेनाओं को उसे धूल चटाने में हफ्ते-दस दिन से ज्यादा समय नहीं लगता।”
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान में निकले रोजगार के एक विज्ञापन का भी जिक्र किया। जिसमें सफाई के कामों के लिए कर्मचारियों की वैकेंसी निकाली गई थी। इस वैकेंसी में सिर्फ गैर-मुस्लिमों को ही पात्र बताया गया था। पीएम ने कहा कि पाकिस्तान में गैर-मुस्लिमों की ऐसी हालत है। विज्ञापन से स्पष्ट था कि वो नौकरी दलित और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए थी।
हाल में ही लागू हुए सीएए पर कुछ भ्रमित लोगों और विपक्षी दलों के विरोध पर पीएम ने हमलावर होते हुए कहा कि नागरिकता कानून पर वोटबैंक की राजनीति हो रही है। कुछ पार्टियों को अपने वोट बैंक की चिंता है। कुछ लोग दलितों की आवाज बनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अल्पसंख्यकों पर जुल्म नहीं दिखता है। पाकिस्तान ने विज्ञापन में हिंदुओं का अपमान किया।
उन्होंने कहा, “दशकों पुरानी समस्याओं को सुलझा रही हमारी सरकार के फैसले पर जो लोग सांप्रदायिकता का रंग चढ़ा रहे हैं, उनका असली चेहरा भी देश देख चुका है और देख रहा है। मैं फिर कहूँगा- देश देख रहा है, समझ रहा है। देश चुप जरूर है, लेकिन सब समझ रहा है।”
आगे पीएम ने कहा, “ऐसे लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को रोकने के लिए भारत के पुराने वादे को पूरा करने के लिए आज जब हमारी सरकार CAA लेकर आई है तो कुछ राजनीतिक दल अपने वोटबैंक पर कब्जा करने की स्पर्धा में लगे हैं, आखिर किसके हितों के लिए काम कर रहें ये लोग।”