‘भारत में 60000 स्टार्ट-अप्स, 50 लाख सॉफ्टवेयर डेवेलपर्स’: ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ में PM मोदी ने की ‘Pro Planet People’ की वकालत

'वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम' को सम्बोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (17 जनवरी, 2022) को ‘World Economic Forum (विश्व आर्थिक मंच)’ के ‘दावोस एजेंडा’ शिखर सम्मेलन को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत जैसे मजबूत लोकतंत्र ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है, एक ‘आशाओं का गुलदस्ता’ दिया है, जिसमें हम भारतीयों की लोकतंत्र पर अटूट विश्वास भरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस गुलदस्ते में है 21वीं सदी को शक्तिशाली करने वाली तकनीक, हम भारतीयों की प्रकृति और प्रतिभा है।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के इस समय में हमने देखा है कि कैसे भारत ‘One Earth, One Health’ के विजन पर चलते हुए, अनेकों देशों को जरूरी दवाइयाँ देकर, वैक्सीन देकर, करोड़ों जीवन बचा रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फार्मा उत्पादक है, ‘Pharmacy to the World’ है। उन्होंने कहा कि आज भारत, दुनिया में रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स भेज रहा है। उन्होंने बताया कि 50 लाख से ज्यादा सॉफ्टवेयर डेवेलपर्स भारत में काम कर रहे हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि आज भारत में दुनिया में तीसरे नंबर के सबसे ज्यादा युनिकॉर्न्स हैं और 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले 6 महीने में रजिस्टर हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत के पास विश्व का बड़ा, सुरक्षित और सफल डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म है। पीएम मोदी ने जनकारी दी कि सिर्फ पिछले महीने की ही बात की जाए तो भारत में ‘Unified Payments Interface (UPI) के माध्यम से 4.4 बिलियन ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज भारत ‘Ease of Doing Business’ को बढ़ावा दे रहा है, सरकार के दखल को कम से कम कर रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत ने अपने कॉर्पोरेट टैक्स रेट्स को सरल करके, कम करके, उसे दुनिया में सबसे प्रतिस्पर्धात्मक बनाया है। उन्होंने बताया कि बीते साल ही हमने 25 हज़ार से ज्यादा नियम-कानून कम किए हैं। बकौल पीएम मोदी, भारतीयों में इनोवेशन और तकनीक को अपनाने करने की जो क्षमता है, उद्यमिता का जो भाव है, वो हमारे हर ग्लोबल पार्टनर को नई ऊर्जा दे सकती है, इसलिए भारत में निवेश का ये सबसे सर्वश्रेष्ठ समय है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय युवाओं में आज उद्यमिता एक नई ऊँचाई पर है। 2014 में जहाँ भारत में कुछ सौ रजिस्टर्ड स्टार्ट-अप थे, वहीं आज इनकी संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है। इसमें भी 80 से ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं, जिसमें से 40 से ज्यादा तो 2021 में ही बने हैं। आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुए भारत का ध्यान सिर्फ प्रक्रिया को आसान करने पर ही नहीं है, बल्कि निवेश और उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर भी है। इसी दृष्टिकोण के साथ आज 14 सेक्टर्स में 26 बिलियन डॉलर की ‘Production Linked Incentive schemes’ लागू की गई हैं।”

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत वर्तमान के साथ ही अगले 25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर नीतियाँ बना रहा है, निर्णय ले रहा है और इस कालखंड में भारत ने उच्च विकास के, जन कल्याण और भलाई के लक्ष्य रखे हैं। उन्होंने कहा कि विकास का ये कालखंड ग्रीन भी होगा, क्लीन भी होगा, धारणिया भी होगा, विश्वसनीय भी होगा। उन्होंने कहा कि हमें ये मानना होगा कि हमारी लाइफस्टाइल भी जनवायु के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने चिंता जताई कि ‘Throw away’ Culture और Consumerism ने जलवायु चुनौती को और गंभीर बना दिया है।

उन्होंने कहा, “आज की जो ‘take-make-use-dispose’ अर्थव्यवस्था है, उसको तेज़ी से सर्कुलर इकोनॉमी की तरफ बढ़ाना बहुत ज़रूरी है। मिशन LIFE का वैश्विक जन अभियान बनना ज़रूरी है। LIFE जैसे जनभागीदारी के अभियान को हम P-3, ‘Pro Planet People’ का एक बड़ा आधार भी बना सकते हैं। आज वैश्विक व्यवस्था में बदलाव के साथ ही एक वैश्विक परिवार के तौर पर हम जिन चुनौतियों का सामना करते रहे हैं, वो भी बढ़ रही हैं। इनसे मुकाबला करने के लिए हर देश, हर वैश्विक एजेंसी द्वारा सामूहिक और सामयिक एक्शन की जरूरत है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया