‘तुष्टिकरण ने देश को तबाह किया, 2014 से पहले निराशा के गर्त में डूब चुका था देश’: संसद में गरजे PM मोदी, कहा – हिंदुस्तान के कोने-कोने में होते थे आतंकी हमले

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले जब निराशा के गर्त में डूबा हुआ समाज था तब जनता ने हमें सेवा करने के लिए चुना, ये पल देश के परिवर्तित युग का प्रारंभ था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (2 जुलाई, 2024) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का समर्थन करते हुए जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने विकसित भारत पर बल दिया है। बता दें कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी द्वारा हिन्दुओं को हिंसक बताने और भगवान शिव की तस्वीर लहरा कर हिन्दू देवी-देवताओं के ‘अभय मुद्रा’ को इस्लाम और कॉन्ग्रेस के चुनाव चिह्न से जोड़ा। इस कारण संसद का माहौल इस बार गर्म है। पीएम मोदी ने पहली बार चुन कर आए सांसदों के उद्बोधनों की प्रशंसा करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की।

पीएम मोदी ने कहा कि वो कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकते हैं, लगातार झूठ चलाने के बावजूद दुनिया के सबसे बड़े चुनाव में उनकी घोर पराजय हुई। इस दौरान विपक्षी दल लगातार हंगामा करने लगे, जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने राहुल गाँधी को सदन की गरिमा की याद दिलाई। पीएम मोदी ने कहा कि जनता ने NDA को हर कसौटी पर कसने के बाद ये जनादेश दिया। उन्होंने कहा कि जनता ने हमारे 10 वर्ष के ट्रैक रिकॉर्ड को देखा, गरीबों के कल्याण के लिए हमारे समर्पण भाव को देखा, हमने ‘जनसेवा ही प्रभुसेवा’ वाले मंत्र को चरितार्थ करते हुए कार्य किया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग ग़रीबी रेखा से बाहर निकले, यही भाजपा को लगातार तीसरी बार जनता के आशीर्वाद का कारण बना। उन्होंने याद किया कि 2014 में जब पहली बार उनकी विजय हुई थी तब भी उन्होंने कहा था कि हमारा देश को दीमक बन कर खोखला करने वाले भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलेरेंस’ की नीति रहेगी और आज उन्हें गर्व है कि सरकार ने इससे पीड़ित देश के सामान्य मानवी को राहत दी, इसीलिए लगातार तीसरी बार उन्हें आशीर्वाद मिला।

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर में भारत की साख बढ़ी है, भारत का गौरव-गान हो रहा और भारत की तरफ देखने का रवैया भी गौरवपूर्ण हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य ‘भारत सर्वप्रथम’ है, हमारी हर नीति-निर्णय-कार्य का एक ही तराजू रहा है – भारत प्रथम। उन्होंने इस दौरान हुए सुधारों का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि एक दशक में ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र को लेकर देश के सभी लोगों का कल्याण करने का प्रयास करती रही है।

पीएम मोदी ने कहा, “हम उन सिद्धांतों को समर्पित हैं, जिसमें भारत के संविधान की आत्मा के अनुसार ‘सर्वपंथ समभाव’ विचार को सर्वोपरि रखते हुए देश की सेवा करने का प्रयास किया। इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टिकरण की राजनीति और शासन का मॉडल देखा, हमने सेक्युलरिज़्म के तहत कार्य किया। हमने तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण किया। इसका अर्थ है – हर योजना का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुँचाना। हम Saturation के सिद्धांत को लेकर चलते हैं, ये सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय है। तुष्टिकरण ने इस देश को तबाह कर के रखा है, हमने ‘जस्टिस फॉर ऑल, अपीजमेंट टू नन’ सिद्धांत का पालन किया।”

पीएम मोदी ने ताज़ा चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए भारत की जनता को परिपक्व, विवेकपूर्ण और उच्च-आदर्शवादी करार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया, जनसामान्य के कल्याण के इरादे के लिए। पीएम मोदी ने कहा कि गाँवों और शहरों के विकास किया जा रहा है। पीएम मोदी ने समझाया कि ‘विकसित भारत’ का अर्थ है कोटि-कोटि नागरिकों को कोटि-कोटि अवसर उपलब्ध हों।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि ‘विकसित भारत’ के संकल्प की पूर्ति के लिए हम पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से भरसक प्रयास करेंगे, हमारा समय का पल-पल और शरीर का कण-कण इसमें लगाएँगे। पीएम मोदी ने 2014 के पहले के दिनों को याद किया, जब देश निराशा के गर्त में डूब चुका था और लोगों ने आत्मविश्वास खो दिया था, देश ने सबसे बड़ा नुकसान यही भुगता था। उन्होंने कहा कि जब विश्वास और आत्मविश्वास खो जाता है तो वो देश-समाज खड़ा नहीं हो सकता।

पीएम मोदी ने कहा कि तब सब कोई यही कहता था कि इस देश का कुछ हो नहीं सकता। उन्होंने कहा कि भारतीयों की हताशा उनकी पहचान बन गई थी। उन्होंने याद दिलाया कि उस दौरान सैकड़ों करोड़ के घोटाले हुए, रोज नए घोटालों की खबरें आती थी, वो घोटालों से घोटालों की स्पर्धा का कालखंड था। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे बेशर्मी से स्वीकार कर लिया जाता था कि दिल्ली से 1 रुपया निकलता है तो गरीब तक 15 पैसा ही पहुँचता है।

पीएम मोदी ने बताया कि कैसे तब सामान्य नौजवान आशा खो चुका था, गरीब को घर लेना हो तो हजारों रुपए की रिश्वत देनी पड़ती है, बिना घूस दिए गैस के कनेक्शन नहीं मिलते थे, मुफ्त राशन भी नहीं मिलता था, अधिकतर लोग इतने निराश हो चुके थे कि वो अपने भाग्य को दोष देकर ज़िन्दगी काटने के लिए मजबूर हो जाते थे। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले जब निराशा के गर्त में डूबा हुआ समाज था तब जनता ने हमें सेवा करने के लिए चुना, ये पल देश के परिवर्तित युग का प्रारंभ था।

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की अनेक सफलताएँ हैं, लेकिन सबसे बड़ी सिद्धि है वो थी देश निराशा ले गर्त में से निकल कर आस्था और विश्वास के साथ खड़ा हो गया। उन्होंने बताया कि कैसे भारत का आत्मविश्वास बुलंदी पर पहुँचा और धीरे-धीरे जो लोग पहले कहते थे ‘कुछ नहीं हो सकता’ वो अब कहने लगे कि ‘इस देश में सब कुछ संभव’ है। उन्होंने कहा कि देश आज गौरव से कहता है – भारत कुछ भी कर सकता है। उन्होंने याद दिलाया कि कोयला घोटालों में बड़े-बड़ों के हाथ काले हो गए थे, आज कोयला उत्पादन में रिकॉर्ड बन रहा है।

उन्होंने ‘फोन बैंकिंग’ से हुए घोटालों का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे बैंकों का पैसा लूट लिया गया था, लेकिन 2014 के बाद दुनिया की अच्छी बैंकों में भारत की बैंकों का स्थान बना, सर्वाधिक मुनाफा करने वाली भारत की बैंकें बन गईं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले आतंकी आकर जान-जहाँ चाहे हमला कर देते थे, अब 2014 के बाद का हिंदुस्तान घर में घुस कर मारता है, सर्जिकल व एयर स्ट्राइक करता है।

पीएम मोदी ने याद दिलाया कि वोट बैंक की राजनीति को हथियार बनाने वालों ने जम्मू कश्मीर के लोगों के अधिकार छीन लिए, भारत की संविधान वहाँ की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता था और यहाँ संविधान सर पर रख कर के नाचने वाले लोग वहाँ संविधान लागू करने का हौसला नहीं रखते थे। उन्होंने कहा कि आज जम्मू कश्मीर भारत के संविधान में भरोसा है, पत्थरबाजी बंद है। पीएम मोदी ने कहा कि इस विश्वास ने विकास के ड्राइविंग फोर्स का काम किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया