‘कुछ देशों ने आतंकवाद को बनाया हथियार, उनकी आलोचना में न हो दोहरा मापदंड’: SCO समिट में PM मोदी की खरी-खरी, सुन रहे थे पुतिन-जिनपिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SCO समिट को संबोधित किया, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी रहे मौजूद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO)’ के समिट को संबोधित किया, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी मौजूद रहे। 23वीं SCO समिट में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 2 दशक में ये संगठन यूरेशियाई क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के क्षेत्र में एक बड़े मंच के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के साथ भारत के हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति और लोगों का आपसी संपर्क हमारी साझा विरासत का जीवन प्रमाण है।

पीएम मोदी ने कहा कि वो इस क्षेत्र को ‘एक्सटेंडेड नेबरहुड’ नहीं, बल्कि एक बड़े परिवार के रूप में देखते हैं। उन्होंने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के बारे में बात करते हुए कहा कि विश्व को परिवार मानने का सिद्धांत प्राचीन काल से हमारे आचरण का हिस्सा रहा है और आज भी प्रेरणा का स्रोत है। दूसरा मूलभूत सिद्धांत उन्होंने बताया – SECURE (सिक्योरिटी, इकोनॉमिक डेवलपमेंट, यूनिटी, रेस्पेक्ट फॉर सॉवर्निटी, टेरीटोरियल इंटीग्रिटी और एनवीरोंमेंट प्रोटेक्शन)।

उन्होंने कहा कि भारत ने SCO में सहयोग के 5 नए स्तम्भ बनाए हैं। वो हैं – स्टार्टअप्स एवं इनोवेशन, परंपरागत दवाएँ (आयुर्वेद इत्यादि), युवाओं का सशक्तिकरण, डिजिटल इन्क्लूजन और साझा बौद्ध विरासत। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक स्थिति के महत्वपूर्ण पड़ाव पर है। विवादों, तनावों और महामारी से घिरे विश्व में फ़ूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर की किल्लत है। बकौल पीएम मोदी, हमें मिल कर विचार करना चाहिए कि एक संगठन के रूप में लोगों की अपेक्षाओं-आकाँक्षाओं को पूरा कर पाने में समर्थ हैं?

उन्होंने पूछा कि क्या हम आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं? उन्होंने इस सवाल पर जोर दिया कि क्या SCO ऐसा संगठन बन रहा है जो भविष्य के लिए तैयार हो? उन्होंने आतंकवाद और वैश्विक और क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई ज़रूरी है। उन्होंने जोर दिया कि आतंकवाद चाहे किसी भी रूप या अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके खिलाफ मिल कर लड़ाई लड़नी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कुछ देश क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद को अपनी नीतियों के इंस्ट्रूमेंट के रूप में इस्तेमाल करते हैं। आतंकवादियों को पनाह देते हैं। SCO को ऐसे देशों की आलोचना करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं होने चाहिए। अफगानिस्तान को लेकर भारत की अपेक्षाएँ और चिंताएँ SCO के अन्य देशों के समान ही हैं। अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए हमें मिल कर प्रयास करना चाहिए।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान टेरर फाइनेंसिंग और युवाओं को भड़का कर कट्टर बनाए जाने की घटनाओं के खिलाफ भी मिल कर काम करने की बात कही। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति का SCO में शामिल सभी देशों की सुरक्षा का असर पड़ा है। उन्होंने अफगान नागरिकों को मानवीय सहायता, वहाँ समावेशी सरकार का गठन, ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई और महिलाओं-अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया