‘फिरोज की नातिन रेहान की माई, चुनाव मा मंदिर- मंदिर परी दिखाई’ प्रियंका और मम्मी के नाम पोस्टर

अमेठी और रायबरेली में सोनिया गाँधी और प्रियंका गाँधी के विरोध में पोस्टर लगे हैं

लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार के लिए कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की बहन व जमीन घोटालों के लिए रोजाना ED ऑफिस के चक्कर लगाने वाले रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गाँधी पूरी तरह से कमर कस चुकी हैं। पार्टी के लिए प्रचार के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। प्रियंका गाँधी अपनी मम्मी सोनिया गाँधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली जाकर भी जनता का उत्साह बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। लेकिन प्रशंसकों ने कॉन्ग्रेस की इस माँ-बेटी की जोड़ी के लिए, यानि सोनिया और प्रियंका गाँधी के लिए अलग से तैयारी कर रखीं थीं।

प्रियंका गाँधी के रायबरेली दौरे से पहले ही तिलक भवन के पास स्थित कॉन्ग्रेस कार्यालय के बाहर सोनिया और प्रियंका गाँधी विरोधी पोस्टर लगाए गए। इस पोस्टर में सोनिया और प्रियंका की तस्वीर और नीचे हिंदी में लिखा हुआ है, “जब जब आई संकट की घड़ी, कबो न महतारी बिटिया दिखाई पड़ी, सेवा के लिए दिहने रहै वोट, लेकिन प्रियंका सोनिया किहिन दिल पर चोट। फिरोज की नातिन रेहान की माई, चुनाव मा मंदिर-मंदिर परी दिखाई।”

इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गाँधी अपने भाई राहुल गाँधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में भी प्रचार करने के लिए गई थीं। उनके अमेठी जाने से पहले भी पोस्टर पर इस तरह की तुकबंदी देखने को मिली थी। उनके खिलाफ कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए थे, जिसमें प्रियंका गाँधी का विरोध करते हुए बातें लिखी गई हैं। पोस्टर पर प्रियंका गाँधी पर निशाना साधते हुए लिखा है, “क्या खूब ठगती हो, क्यों पाँच साल बाद ही अमेठी दिखती हो। साठ साल का हिसाब दो।”

अमेठी के मुसाफिरखाना कस्बे में लगे पोस्टर में लिखा गया है, “देख चुनाव पहन ली सारी, नहीं चलेगी होशियारी।” इन पोस्टर पर SP छात्रसभा के नेता जयसिंह प्रताप यादव का नाम लिखा हुआ है। हालाँकि, छात्र नेता ने ऐसे किसी भी तरह के पोस्टर लगाने का खंडन किया है। 

2014 लोकसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस की हार के बाद प्रियंका गाँधी को आम जन के बीच शायद ही किसी ने देखा हो, लेकिन 2019 में चुनाव आते ही एक बार फिर से प्रियंका जनता के बीच आ गई हैं। 5 सालों में जनता के बीच कभी न दिखने वाली प्रियंका गाँधी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के बारे में कहा था कि अमेठी में वह ‘टाइम पास’ करने आती हैं और अमेठी से उन्हें कोई मतलब नहीं है।

प्रियंका ने बताया कि वह अपने पिता (राजीव गाँधी) के साथ अमेठी आया करती थी, उनका बचपन यहाँ बीता है। उनसे ज्यादा अमेठी कौन समझ सकता है। लेकिन वोटर समझदार हो चुके हैं। आपको बता दें कि प्रियंका पर सवाल करते ऐसे पोस्टरों से पहले भी राहुल गाँधी गायब के पोस्टर अमेठी में देखे जा चुके हैं। इन सभी पोस्टर्स द्वारा जनता की प्रतिक्रिया देखकर यही कहा जा सकता है कि “Do not underestimate the power of a common man”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया