‘पेपर लीक पर न करें राजनीति, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध’: राष्ट्रपति ने गिनाए मोदी सरकार के काम, इमरजेंसी को बताया संविधान पर सबसे बड़ा हमला

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (फोटो साभार: संसद टीवी)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र में सदन के दोनों सदनों को संबोधित किया। राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अगले 5 सालों के लिए नई सरकार के रोडमैप की रूपरेखा सामने रखा। राष्ट्रपति का संसद भवन के अंदर सांसदों ने खड़े होकर स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ जिसके बाद राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण शुरू किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था।

अपने अभिभाषण की शुरुआत राष्ट्रपति ने 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देकर की। राष्ट्रपति ने नवनिर्वाचित स्पीकर ओम बिरला को भी बधाई दी और सकुशल चुनाव संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग का भी धन्यवाद किया। उन्होंने जम्मू कश्मीर से चुनाव की आई तस्वीरों को सुखद बताते हुए कहा कि इस बार घाटी में दशकों का रिकॉर्ड टूटा है। हमने जम्मू कश्मीर में हड़ताल का दौर देखा है। कम मतदान को दुश्मन कश्मीर की राय के रूप में वैश्विक मंचों पर उठाते थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, “ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था, करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है। इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है। इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है। कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं।” राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास गति को तेज किया जाएगा। ग्रोथ की निरंतरता हमारी गारंटी है और आने वाले बजट में ऐतिहासिक कदम दिखेंगे। किसानों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “किसानों को 20 हजार करोड़ ट्रांसफर किए गए। हम किसानों को ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर करेंगे।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा “देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है। लोगों ने इस सरकार पर तीसरी बार भरोसा जताया है। लोग जानते हैं कि सिर्फ यही सरकार उनकी आकाँक्षाओं को पूरा कर सकती है। 18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक लोकसभा है। इस लोकसभा का गठन अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में हुआ था। यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 75वें ​​वर्ष की भी साक्षी बनेगी। आगामी सत्रों में यह सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के विजन का प्रभावी दस्तावेज होगा। बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे।”

राष्ट्रपति के अभिभाषण में पेपर लीक का जिक्र भी किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जाँच और दोषियों कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पहले भी कई राज्यों में पेपर लीक की घटनाएँ हुई हैं। इस मामले पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देश व्यापी ठोस उपाय करने की जरूरत है।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, “सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की है। मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को हस्तांतरित की जा चुकी है। सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है। आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है। आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की माँग तेजी से बढ़ रही है। भारतीय किसानों के पास इस माँग को पूरा करने की पूरी क्षमता है, इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद में कहा कि विभाजनकारी ताकतें लोकतंत्र को कमजोर करने, देश के भीतर और बाहर से समाज में खाई पैदा करने की साजिश रच रही हैं। हमारे लोकतंत्र को नुकसान पहुँचाने के हर प्रयास की सभी को निंदा करनी चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया