माँ शैलसुते के आशीर्वाद से संकट से बाहर निकलेगा देश: काशी के लोगों से बोले PM मोदी- दुनिया भर में 1 लाख लोग ठीक हो चुके हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की जनता को सम्बोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (मार्च 24, 2020) को राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में बड़ी घोषणा करते हुए पूरे देश में 21 दिनों के लिए सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की। अब पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी सम्बोधित किया है। जहाँ पूरे देश में कोरोना के अब तक 600 मामले आ चुके हैं, उत्तर प्रदेश में भी 35 मरीज मिले हैं। हालाँकि, पूरे देश में लगभग 40 ऐसे लोग भी हैं, जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक भी हो चुके हैं। पीएम मोदी ने कैबिनेट की बैठक भी आज ‘सोशल डिस्टन्सिंग’ का पालन करते हुए की, जहाँ सभी मंत्रियों के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कुर्सियाँ रखी गई थीं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज काबुल में गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले से मन काफी दुखी है। उन्होंने इस हमले में मारे गए सभी लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जाते हुए अपने सम्बोधन की शुरुआत की। नवरात्री की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। माँ शैलपुत्री स्नेह, करुणा और ममता का स्वरूप हैं। उन्हें प्रकृति की देवी भी कहा जाता है। पीएम ने कहा कि आज देश जिस संकट के दौर से गुजर रहा है, उसमें हम सभी को माँ शैलसुते के आशीर्वाद की बहुत आवश्यकता है

प्रधानमंत्री ने वाराणसी की जनता से कहा कि आपका सांसद होने के नाते मुझे, ऐसे समय में आपके बीच होना चाहिए था। लेकिन आप यहाँ दिल्ली में जो गतिविधियाँ हो रही हैं, उससे भी परिचित हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यहाँ की व्यस्तता के बावजूद वो वाराणसी के बारे में निरंतर अपने साथियों से अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज कोरोनी के खिलाफ जो युद्ध पूरा देश लड़ रहा है, उसमें 21 दिन लगने वाले हैं। हमारा प्रयास है इसे 21 दिन में जीत लिया जाए। पीएम मोदी ने आगे कहा:

काशी का अनुभव शाश्वत, सनातन, समयातीत है। और इसलिए, आज लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को सिखा सकती है- संयम, समन्वय, संवेदनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है- सहयोग, शांति, सहनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है- साधना, सेवा, समाधान। संकट की इस घड़ी में, काशी सबका मार्गदर्शन कर सकती है, सबके लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है। देखिए इस बीमारी में जो बातें सामने आई हैं, उसमें सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि ये बीमारी किसी में भेदभाव नहीं करती। ये समृद्ध देश पर भी कहर बरपाती है और गरीब के घर में भी कहर बरपाती है। कुछ लोग ऐसे हैं, जो अपने कानों से सुनते हैं, अपनी आँखों से देखते हैं और अपनी बुद्धि से समझते भी हैं। बस अमल नहीं करते हैं। ये एक प्रकार की दुर्योधन वृत्ति है।”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान काशी के लोगों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की और उनके विभिन्न सवालों का जवाब दिया। पीएम मोदी ने बताया कि कोरोना से संक्रमित दुनिया में 1 लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं और भारत में भी दर्जनों लोग कोरोना के शिकंजे से बाहर निकले हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया