पुलवामा बलिदानियों की विधवाओं के मुँह में घास, पुलिस ने CM हाउस जाने से रोका तो जमीन पर लेट गईं: बीजेपी MP ने बताया- राजस्थान पुलिस ने वीरांगनाओं को रातोंरात उठाया

मुँह में घास लेकर याचना करतीं बलिदानियों की विधवा, हिरासत में लिए गए समर्थक (फोटो साभार: दैनिक भास्कर/ @DrKirodilalBJP)

राजस्थान में पुलवामा बलिदानियों की विधवाओं का धरना अभी तक खत्म नहीं हुआ है। गुरुवार (9 मार्च 2023) को इन्होंने अनूठे तरीके से विरोध-प्रदर्शन किया। मुँह में घास दबाकर सीएम हाउस जाने की कोशिश की। पुलिस ने रोका तो जमीन पर लेट गईं। इस बीच बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट कर बलिदानियों की विधवाओं के साथ धरने पर बैठे लोगों को हिरासत में लिए जाने की जानकारी दी है।

बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने वीरांगनाओं और अपने समर्थकों को उठाने का आरोप राजस्थान पुलिस पर लगाया है। उन्होंने इसको लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। एक ट्वीट में कहा है, “सरकार को 3 वीरांगनाओं से इतना डर क्यों है कि पुलिस ने रातोंरात उन्हें उठा लिया। पता नहीं उन्हें कहाँ लेकर गए हैं? वीरांगनाएं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने की गुहार ही तो लगा रही है। मिलकर उनकी बात सुनने से मुख्यमंत्री इतना क्यों घबरा रहे हैं?” राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने धरने को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान के डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने को कहा है।”

बलिदानियों की विधवाओं का धरना पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास के बाहर चल रहा है। गुरुवार को धरने का 11वाँ दिन था। बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा और उनके समर्थक भी शुरुआत से इनके साथ धरने पर हैं। मीणा ने ट्वीट कर कहा है, “वीरांगनाओं से ससम्मान मिलने की जगह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुलिस के दम पर उनका दमन करना चाहते हैं। अल सुबह 3 बजे पुलिस वीरांगनाओं, उनके परिजनों और कार्यकर्ताओं को उठाकर ले गई। ऐसा करके सरकार वीरांगनाओं के हौसले को तोड़ नहीं सकती। हक मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।”

इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने ट्वीट कर बताया है कि पूरे मामले का चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने संज्ञान लिया है। उन्होंने राजस्थान के डीजीपी को व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को देखने को कहा है। बलिदानियों की विधवाओं द्वारा पुलिस अधिकारियों पर लगाए गए बदसलूकी के आरोपों की जाँच को कहा है।

गौरतलब है कि धरना दे रही वीरांगनाओं के पति 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले में बलिदान हुए थे। किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 7 मार्च को दो मंत्रियों प्रताप सिंह खाचरियावास और शकुंतला रावत को भेजकर इनकी माँगें मान ली थी। लेकिन बाद में सरकार उससे पीछे हट गई। वहीं कॉन्ग्रेस का कहना है कि वीरांगनाओं को पैकेज दिया जा चुका है। उनकी मौजूदा माँगें अनुचित हैं और बीजेपी उनका राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया