पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ लगातार हमलावर हुए उनके पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनके करीबियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार ने सिद्धू के खिलाफ जाँच शुरू करवा दी है।
यह ऐसे मामले हैं, जिनमें न केवल नवजोत सिंह सिद्धू बल्कि उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के भी फँसने के आसार हैं। बताया जा रहा है कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने नवजोत सिद्धू के कार्यकाल के दौरान बड़े बिल्डरों को दी गई क्लीयरिंग संबंधी सभी फाइलें अपने कब्जे में ले ली है। इस मामले में नवजोत सिद्धू के अलावा उनकी पत्नी, ओएसडी संधू, पीए गौरव और क्लर्क राजीव कुमार के खिलाफ विजिलेंस ने अपनी जाँच तेज कर दी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार नवजोत सिद्धू पर स्थानीय निकाय मंत्री रहते हुए कई बड़े बिल्डरों को लाभ पहुँचाने का आरोप है। इसके अलावा उन पर टैक्स चोरी के जरिए नगर पालिका को चूना लगाने, बड़े प्रोजेक्टों को नियम विरुद्ध क्लीयरिंग देने और जमीन की सीएलयू के मामलों में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
मालूम हो कि पूर्व क्रिकेटर अमरिंदर सिंह सरकार में मार्च 2017 से जुलाई 2019 तक स्थानीय सरकार और पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री थे। जाँच को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धू ने अपने ट्वीट में पंजाब के सीएम को टैग करते हुए कहा, “आपका स्वागत है। कृपया अपना सर्वश्रेष्ठ करें।”
https://twitter.com/sherryontopp/status/1393566158205247497?ref_src=twsrc%5Etfwजाँच किए जा रहे कुछ मामलों का विवरण
शनिवार (15 मई 2021) को अमृतसर के एसएसपी (वीबी) परमपाल सिंह ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को कुछ अनियमितताओं को लेकर पर अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। इसमें नवजीत कौर (नवजोत कौर के पीए गौरव वासुदेव की पत्नी) को मूँगफली के लिए एक बूथ का आवंटन, विज्ञापन टेंडर्स के आवंटन में कुछ अनियमितताएँ शामिल हैं। वासुदेव के स्वामित्व वाली एक कंपनी को और एक अन्य फर्म को फिर से फर्श का टेंडर दिया गया।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जाँच में सामने आया है कि नवजोत कौर ने जीरकपुर स्थित एक realtor गगनदीप सिंह (प्रिंस) को 1 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। उन्होंने प्रिंस को दो चेक के माध्यम से भुगतान किया था। एक गगनदीप के नाम पर और दूसरा उनकी कंपनी के नाम पर।
प्रिंस ने (वीबी) को बताया है कि नवजोत कौर एक घर खरीदना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने एंडवास भुगतान किया था। हालाँकि, जाँच के दौरान खरीद या किसी बुकिंग के बारे में ऐसा कोई लिखित दस्तावेज नहीं मिला है। (वीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह राशि एक कंपनी बनाने के लिए एकत्र की गई थी।
बता दें कि बीते सप्ताह सिद्धू ने एक ट्वीट में आरोप लगाया था, ”विधायकों के बीच यह आम सहमति है कि कॉन्ग्रेस सरकार के बदले में बादल सरकार शासन कर रही है। अक्सर हमारे विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की बात सुनने की बजाय नौकरशाही और पुलिस बादल परिवार की इच्छाओं के अनुसार काम करती है। सरकार जनता के कल्याण के लिए नहीं, बल्कि माफिया राज जारी रखने के लिए कार्य करती है।”