सांसदों को खबर भी नहीं और उनके नाम से राघव चड्ढा ने राज्यसभा में दे दिया प्रस्ताव: फर्जीवाड़े में पार्टी MP के घिरने पर बोली AAP- हस्ताक्षर जरूरी नहीं

राघव चड्ढा पर सांसदों ने लगाए जालसाजी के आरोप (फोटो साभार: एएनआई)

7 अगस्त 2023 की रात राज्यसभा ने दिल्ली सेवा बिल पारित कर दिया। लेकिन इस दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है। चड्ढा ने बिल पर चर्चा के दौरान सदन में इस विधेयक को चयन समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा था। यह प्रस्ताव तो पास नहीं हुआ, लेकिन जिन पाँच सांसदों के नाम से यह प्रस्ताव रखा गया उनका कहना है कि इसके बारे में उनसे सहमति नहीं ली गई थी।

इन सांसदों ने चड्ढा पर उनके ‘फर्जी दस्तखत’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। ये सांसद हैं- बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, पी कोन्याक, बीजेडी के सस्मित पात्रा और एआईडीएमके सांसद थम्बी दुरई। पार्टी सांसद के आरोपों में घिरने के बाद आप ने सफाई देते हुए कहा है कि नियमानुसार चयन समिति को प्रस्ताव भेजने के लिए हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होती है। इसलिए जाली हस्ताक्षर के आरोप गलत है। सांसदों का नाम सद्भावना में दिया गया था, क्योंकि वे सदन के भीतर और बाहर चर्चा में भाग लेते रहे हैं।

वहीं प्रस्ताव पर जिन पाँच सांसदों के नाम थे, उनका कहना है कि उन्होंने इस पर दस्तखत नहीं किए थे। न ही उन्हें इस बात की किसी भी तरह जानकारी थी कि उनके नाम इस प्रस्ताव के समर्थन में शामिल किए जा रहे हैं। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने इसकी जाँच के आदेश दिए हैं। इन आरोपों के लेकर चड्ढा ने कहा, “विशेषाधिकार समिति को मुझे नोटिस भेजने दीजिए। मैं अपना जवाब समिति को दूँगा।”

राघव चड्ढा पर किसने क्या कहा?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में फर्जीवाड़ा करते-करते अब संसद भवन जैसे पवित्र स्थान पर भी फर्जीवाड़ा करके सदस्यों के फर्जी साइन कर रही है। उन्होंने इसे सदन के विशेषाधिकार का उल्लंघन बताया है। साथ ही कहा कि यह मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा जाना चाहिए।

वाईएसआरसीपी सांसद विजय साई रेड्डी ने कहा है, “जब भी कोई प्रस्ताव लाना होता है तो उन सदस्यों से परामर्श करना होता है जिनके नाम उसमें शामिल होते हैं। लेकिन राघव चड्ढा ने सदस्यों से परामर्श किए बिना उनके नाम शामिल कर दिए हैं। इसलिए कई सदस्यों ने राघव चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।”

बीजद के सस्मित पात्रा ने कहा है, “जब सदन में प्रस्ताव पेश किया जा रहा था मुझे पता चला कि राघव चड्ढा के पेश किए गए प्रस्ताव में मेरे नाम का उल्लेख किया गया था। उन्होंने मेरी मर्जी के बगैर प्रस्ताव में मेरा नाम डाल दिया। मुझे उम्मीद है कि सदन के सभापति कार्रवाई करेंगे। मैंने शिकायत दर्ज कराई है। जाहिर है, यह विशेषाधिकार का मामला है। हम सभी ने निजी तौर पर अपनी शिकायतें दर्ज की हैं।”

बीजेपी के नरहरि अमीन ने कहा,” राघव चड्ढा ने सेलेक्ट कमेटी में मेरा नाम शामिल किया. उन्होंने मुझसे पहले कोई सलाह-मशविरा नहीं किया और न ही मैंने इस पर अपनी सहमति दी। उन्होंने जो किया वह गलत था। मैंने किसी दस्तावेज पर अपना दस्तखत भी नहीं किया।”

थंबीदुरई ने कहा कि वह पहले ही राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की माँग कर चुके हैं। अन्नाद्रमुक ने कहा, “मैंने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इस मामले को विशेषाधिकार समिति द्वारा उठाया जाए। प्रस्ताव में मेरा नाम कैसे शामिल किया गया, क्योंकि मैंने किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया